हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14 मई : 2025,
नोएडा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश को एक और बड़ी औद्योगिक सौगात मिली है। केंद्र सरकार ने नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (YEIDA) में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाई स्थापित करने को स्वीकृति दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना भारत को सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का होगा निर्माण
इस सेमीकंडक्टर इकाई में मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल और अन्य उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा। अब तक भारत इन चिप्स की ज़रूरतों के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर रहा है। इस इकाई की स्थापना से देश की आयात पर निर्भरता घटेगी और स्वदेशी उत्पादन को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया आभार
परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल का आभार जताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर लिखा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा उत्तर प्रदेश के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना की स्वीकृति ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह इकाई 3,700 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित होगी और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण करेगी। भारत अब वैश्विक सेमीकंडक्टर उत्पादन में अग्रणी बनने की ओर बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बन रहा है।”
रोज़गार और तकनीकी नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना से तकनीकी क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा और साथ ही हजारों युवाओं के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। यह न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देगा बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भारत की तकनीकी शक्ति को भी सशक्त बनाएगा।
नोएडा बनेगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र (YEIDA) पहले से ही औद्योगिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र रहा है। सेमीकंडक्टर इकाई के जुड़ने से यह क्षेत्र एक अत्याधुनिक तकनीकी हब के रूप में अपनी पहचान और मजबूत करेगा। इससे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को नई रफ्तार मिलेगी और राज्य की आर्थिक वृद्धि को नया आयाम प्राप्त होगा।
भारत की सेमीकंडक्टर जरूरतें और आयात की स्थिति
अब तक भारत अपनी सेमीकंडक्टर जरूरतों के लिए मुख्यतः आयात पर निर्भर रहा है। वर्ष 2023-24 में भारत ने 18.5% की वृद्धि के साथ 1.71 लाख करोड़ रुपये मूल्य की सेमीकंडक्टर चिप्स का आयात किया, जिसमें 18.43 अरब चिप्स शामिल थीं। 2022-23 में यह आंकड़ा 14.64 अरब चिप्स और 1.297 लाख करोड़ रुपये था।
2023 में भारत ने 6.73 अरब डॉलर (लगभग 56,000 करोड़ रुपये) की सेमीकंडक्टर डिवाइसेज आयात कीं, जिससे वह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर आयातक बन गया। भारत अधिकतर चिप्स चीन से आयात करता है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर ठोस कदम
नोएडा में सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को सशक्त करेगी। इससे देश को उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्माण में आत्मनिर्भरता मिलेगी और वैश्विक बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।