हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़। जैन समाज का पावन दसलक्षण महापर्व इस वर्ष 28 अगस्त से आरंभ होकर 6 सितंबर तक धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाएगा। समाज सेवा समिति के संयोजक राजीव जैन व पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि 8 सितंबर को क्षमावाणी पर्व के आयोजन के साथ इसका भव्य समापन होगा। वहीं, 14 सितंबर को समाज मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
जैन समाज सेवा समिति के संयोजक राजीव जैन ने बताया कि “दसलक्षण महापर्व समाज के लिए आत्मिक उत्थान और सामाजिक एकता का प्रतीक है। इस वर्ष अन्नपूर्णा थाली सेवा विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। हम सभी समाजजनों से इसमें सहयोग और सहभागिता की अपील करते हैं।”
महापर्व के अवसर पर नगर के प्रमुख जैन मंदिरों में विशेष सजावट की जाएगी। इस दौरान प्रतिदिन प्रातः संगीतमय सामूहिक पूजन और प्रवचन होंगे। दोपहर के समय पुण्यार्जक परिवारों द्वारा विधान संपन्न किए जाएंगे। शाम को आरती और भजन संध्याओं का आयोजन होगा, जिसमें समाजजन बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इस पर्व के माध्यम से आत्मशुद्धि, संयम और सामाजिक एकता का संदेश प्रसारित किया जाएगा।
समाजसेवा और अन्नपूर्णा थाली
इस बार पहली बार आगरा रोड पर दस दिनों तक राहगीरों के लिए निःशुल्क अन्नपूर्णा थाली वितरित की जाएगी। समिति का मानना है कि इस सेवा से न केवल ज़रूरतमंदों को सहयोग मिलेगा बल्कि समाज में परस्पर सहयोग और करुणा की भावना भी प्रबल होगी।
क्षमावाणी पर्व और रथयात्रा
महापर्व का समापन 8 सितंबर को क्षमावाणी पर्व पर होगा। इस अवसर पर भव्य पालकी यात्रा व रथयात्रा का आयोजन किया जाएगा। समाजजन इस दिन आपसी भूल-चूक की क्षमा मांगते हुए परस्पर सौहार्द और भाईचारे का संदेश देंगे।
पर्व का महत्व
दसलक्षण महापर्व जैन समाज का अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। इसमें क्षमाशीलता, सत्य, संयम, तप, त्याग और ब्रह्मचर्य सहित दस लक्षणों को आत्मसात करने का संदेश निहित है। यह पर्व आत्मशुद्धि, सामाजिक सद्भाव और आध्यात्मिक उत्थान का प्रतीक है।