हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: सोमवार 9 जून 2025
आगरा/जम्मू-कश्मीर। प्रादेशिक सेना में भर्ती के नाम पर जम्मू-कश्मीर और पठानकोट के कई युवाओं से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। यूट्यूब पर चल रहे वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित होकर ये युवा सेना में भर्ती का सपना लेकर निकले थे, लेकिन दलालों के जाल में फंसकर उनके न केवल पैसे डूबे, बल्कि सपने भी चकनाचूर हो गए।
प्रादेशिक सेना में भर्ती के नाम पर सोशल मीडिया पर प्रचारित वीडियो से प्रभावित होकर जम्मू-कश्मीर के सांबा, आरएस पुरा, ऊधमपुर, कठुआ और पठानकोट के कई युवा भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने आगरा पहुंचे थे। इनमें विनय कुमार, विशाल वर्मा, साहिल कुमार, रोहित कुमार, देवांशु, किशन सैनी, अनुदीप सहित कुल 25 से अधिक युवा शामिल थे।
इन युवाओं को भरोसा दिलाया गया था कि सेना में “सेटिंग” से भर्ती कराई जाएगी। आरोप है कि सांबा के एक प्रसिद्ध मंदिर में सेवादार के रूप में कार्य कर रहा डीके नामक युवक इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है। उसने सेना में भर्ती का झांसा देकर युवाओं से 3.5 से 7 लाख रुपये तक की रकम ऐंठी।
फर्जी नियुक्ति पत्र और मेडिकल की साजिश
विशाल वर्मा ने बताया कि डीके ने पहले 3.60 लाख रुपये एडवांस में लिए और फिर 10 दिन पहले नियुक्ति पत्र एक बंद लिफाफे में दिया, जिसमें लिखा था कि इसे आगरा जाकर ही खोलना है। युवाओं को बताया गया कि मेडिकल टेस्ट आगरा में होगा, लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो ‘एजेंट’ सुनील कुमार ने प्रत्येक से 1-1 लाख रुपये और मांगे।
इन युवाओं के पास होटल का किराया और खाने तक के पैसे नहीं बचे थे। किसी तरह मामला एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के संज्ञान में आया, जिसके बाद कार्रवाई कर इन युवाओं को सुरक्षित घर भेजने की व्यवस्था की गई।
पीड़ित युवाओं में अधिकांश 12वीं पास हैं और लंबे समय से बेरोजगार थे। उन्हें उम्मीद थी कि सेना में भर्ती होकर उन्हें स्थायी नौकरी और सम्मानजनक जीवन मिलेगा। विनय कुमार ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2012 में इंटरमीडिएट पास किया था और तभी से नौकरी की तलाश कर रहे थे।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फर्जी भर्ती रैकेट से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। पीड़ितों की संख्या और भी बढ़ सकती है।