हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ मंगलवार 27 मई 2025
आगरा में विदेशी असलहे की खरीद-फरोख्त और फर्जी डुप्लीकेट लाइसेंस बनाने के मामले ने एक बड़ा रूप ले लिया है। इस गंभीर मामला का खुलासा शास्त्रीपुरम के रहने वाले विशाल भारद्वाज की शिकायत के बाद हुआ, जिन्होंने जिला प्रशासन से लेकर पुलिस अधिकारियों तक पर इस मामले को दबाने का आरोप लगाया है।
शिकायतें दबाने की कोशिश, मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा
विशाल भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने आगरा में चल रही विदेशी असलहे की अवैध खरीद-फरोख्त और फर्जी लाइसेंस बनाने की शिकायत कई बार जिला प्रशासन व पुलिस अधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन की लापरवाही के कारण मामला दबता चला गया। जब विशाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर के मठ में मुलाकात कर शिकायत की, तब जाकर मामले में केस दर्ज हो पाया। इसके बाद केस को विशेष जांच टीम (एसटीएफ) के पास भेजा गया, जिसने जांच शुरू की।
आरोपियों ने जांचकर्ता पर दबाव डाला
जांच के दौरान आरोपियों ने एसटीएफ के आगरा यूनिट के एएसपी पर दबाव बनाने की कोशिश की। आरोपियों ने कानूनी नोटिस भेजकर कोर्ट में वाद दर्ज कराने की धमकी भी दी, ताकि जांच को रोका जा सके। लेकिन एसटीएफ की कड़ी और निष्पक्ष जांच ने आरोपियों को नहीं चलने दिया।
जमीन की खरीद-फरोख्त से शुरू हुआ विवाद
विशाल भारद्वाज ने बताया कि उनका 10-12 साल से जमीन की खरीद-फरोख्त का कारोबार है। करीब 7-8 साल पहले उनकी भूपेंद्र सारस्वत से मुलाकात हुई, जो जमीनों का कारोबार करते हैं। दोनों के बीच जमीन के लेन-देन में विवाद तब शुरू हुआ जब वर्ष 2022 में विशाल ने भूपेंद्र को एक प्लॉट की खरीद के लिए रकम दी, लेकिन बाद में पता चला कि प्लॉट के दस्तावेज फर्जी थे। जब विशाल ने रुपये वापस मांगे तो भूपेंद्र ने पैसे नहीं लौटाए। इस विवाद के बाद विशाल ने अपर पुलिस आयुक्त को शिकायत की, जिस पर जांच के बाद दोनों पक्षों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए गए।
फर्जी दस्तावेज और डुप्लीकेट लाइसेंस का मामला
विशाल ने बताया कि इस जमीन विवाद के साथ-साथ विदेशी असलहे की अवैध खरीद-फरोख्त और फर्जी डुप्लीकेट लाइसेंस बनाने की शिकायत भी उन्होंने कई बार पुलिस और जिलाधिकारी कार्यालय में की। प्रशासन ने इस गंभीर मामले को भी दबा रखा था।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एसटीएफ जांच में तेजी
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद अधिकारियों को सख्त निर्देश मिले। एसटीएफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विदेशी असलहे और डुप्लीकेट लाइसेंस के मामले में जांच तेज कर दी। जांच में पता चला कि आरोपियों के पास .30 एमएम यूरोपियन असलहे हैं, जिन्हें जब्त किया जाएगा।
धमकियों के बीच भी न रुकी विशाल की लड़ाई
विशाल भारद्वाज ने बताया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। 12 मई 2024 को उन पर हमला भी हुआ था, लेकिन पुलिस ने मामूली धारा में रिपोर्ट दर्ज कर मामला गंभीरता से नहीं लिया। धमकियों के बावजूद विशाल अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं और एसटीएफ से अपनी सुरक्षा की भी मांग की है क्योंकि उन्हें अभी भी जान का खतरा महसूस होता है।
भाजपा नेता को भी बेची गई पिस्टल
एसटीएफ की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने अवैध असलहा एक भाजपा नेता को भी बेचा था। आश्चर्य की बात यह है कि शस्त्र खरीदने के बाद भी भाजपा नेता को कोई रसीद या वैध दस्तावेज नहीं दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि यह गिरोह कितना संगठित और खतरनाक है।