हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। बिहार के बाद अब केरल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से SIR प्रक्रिया के खिलाफ याचिकाएँ दाखिल की गई हैं। केरल सरकार की ओर से उठाई गई आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि SIR से जुड़े मुद्दों पर जल्द सुनवाई की जाएगी, क्योंकि कई राज्यों में यह प्रक्रिया जारी है और स्थानीय निकाय चुनाव भी नजदीक हैं।
केरल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि राज्य में 9 और 11 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव प्रस्तावित हैं, ऐसे में SIR प्रक्रिया को तुरंत टालना जरूरी है। उन्होंने मांग की कि चुनाव तक SIR को रोक दिया जाए। कोर्ट ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद चुनाव आयोग से जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को 26 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। उसी दिन बिहार SIR का मामला भी पहले से सूची में शामिल है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जोयमाल्या बाग्ची और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने नोट किया कि SIR के खिलाफ कई याचिकाएँ अलग-अलग राज्यों से दाखिल हुई हैं। एक याचिका CPI(M) की ओर से दाखिल है, जबकि एक अन्य याचिका बाराबंकी से कांग्रेस सांसद की ओर से दायर की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश की SIR प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि इतने बड़े मुद्दे पर व्यक्तिगत याचिकाओं की क्या जरूरत है, जबकि सभी पक्ष सामूहिक रूप से मुद्दा उठाकर एक ही सुनवाई में समाधान तलाश सकते हैं।
इसके बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया कि केरल से संबंधित मामला 26 नवंबर को और अन्य राज्यों की याचिकाएँ दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में सुनी जाएँगी। सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की याचिकाएँ लंबित हैं। वहीं बिहार में SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं, लेकिन मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।













