हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 22 मई : 2025
नई दिल्ली, 22 मई 2025 – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने भारत के सम्मान से समझौता किया है। कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद घोषित सीजफायर एक राजनीतिक मजबूरी के तहत लिया गया फैसला है, जो भारत की सुरक्षा और गरिमा के साथ समझौता करता है।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वीडियो का हवाला दिया, जिसमें मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान ने सैन्य अधिकारियों के स्तर पर हुई बातचीत के दौरान भरोसा दिलाया कि वह आगे कोई आतंकी गतिविधि या सैन्य दुस्साहस नहीं करेगा। इसी बयान को लेकर राहुल गांधी ने सवाल खड़े किए और कहा, “मोदी जी, खोखले भाषण देना बंद कीजिए। सिर्फ इतना बताइए कि आतंकवाद पर आपने पाकिस्तान की बात पर भरोसा क्यों किया?”
राहुल गांधी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया दावे का भी हवाला दिया जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत-पाक तनाव को एक व्यापार समझौते के ज़रिए सुलझाया है। इस पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से पूछा, “ट्रंप के सामने झुककर आपने भारत के हितों की कुर्बानी क्यों दी और आपका खून सिर्फ कैमरों के सामने ही क्यों गरम होता है?”
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर लिखा, “सेना पूरे बल से लड़ी हो… बस दो कदम पे जीत खड़ी हो, लेकिन जब मौका आ जाए… तभी अचानक रुकना नहीं था।” इस पोस्ट के माध्यम से पार्टी ने सवाल किया कि जब ऑपरेशन सिंदूर निर्णायक मोड़ पर था, तब भारत ने सीजफायर क्यों किया?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “मोदी जी का खून सिर्फ कैमरा के सामने गर्म होता है। अमेरिका के आगे ठंडा पड़ जाता है।”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्रंप के दावों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री अपने करीबी दोस्त की ओर से बार-बार किए जा रहे इन दावों पर पूरी तरह मौन हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बयानों पर खामोश हैं। यह चुप्पी दर्शाती है कि सरकार के पास कहने को कुछ नहीं है।”
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर हालिया सैन्य अभियान था जिसे भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के खिलाफ शुरू किया था। यह अभियान निर्णायक मोड़ पर था जब अचानक भारत सरकार ने पाकिस्तान की ओर से ‘शांति के आश्वासन’ पर विश्वास जताते हुए सीजफायर की घोषणा कर दी।
कांग्रेस के आरोपों ने मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति और अमेरिका से संबंधों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अब सबकी नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया पर टिकी है। क्या सरकार ट्रंप के दावों और कांग्रेस के सवालों का जवाब देगी या मौन ही इस सियासी घमासान की दिशा तय करेगा?