हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑19 मई : 2025
मुरादाबाद। डिलारी थाना क्षेत्र में पुलिस ने सोमवार तड़के बड़ी सफलता हासिल की है। चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस ने एक कार से पुराने और बंद हो चुके 500 व 1000 के नोटों की भारी खेप बरामद की है। कार की डिग्गी से दो बोरियों में भरकर ले जाए जा रहे कुल एक करोड़ 49 लाख 99 हजार रुपये के पुराने नोट जब्त किए गए हैं। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस का गैरहाजिर सिपाही भी शामिल है। वहीं तीन अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
डिलारी थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि सोमवार तड़के करीब सुबह तीन बजे, होंसपुरा पुलिया और हमारा पेट्रोल पंप के पास पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक स्विफ्ट डिजायर कार को रोका गया। तलाशी के दौरान जब कार की डिग्गी खोली गई, तो पुलिस भी हैरान रह गई। कार की डिग्गी में दो बोरियों में पुराने नोटों के बंडल भरे हुए थे। गिनती करने पर सामने आया कि बोरी में 22,017 नोट थे, जिनमें 500 और 1000 रुपये के पुराने बंद हो चुके नोट शामिल थे। इनकी कुल कीमत ₹1,49,99,000 आंकी गई।
पुलिस ने मौके से जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
- मोहम्मद यासीन पुत्र फिरासत अली
- मोहम्मद रियाज पुत्र रफीक अहमद, निवासी अहमदनगर अहमदाबाद, मदारी की मंडैया, थाना टांडा, जिला रामपुर
- विक्की गौतम पुत्र जगदीश सिंह, निवासी जलीलपुर बैटल, अमरोहा देहात, जनपद अमरोहा
गिरफ्तार किए गए विक्की गौतम के बारे में खुलासा हुआ है कि वह उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात था और सीतापुर में ड्यूटी पर था। हालांकि, वह काफी समय से ड्यूटी से गायब चल रहा था।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में तीन अन्य आरोपी फरार हो गए, जिनकी पहचान इस प्रकार है:
- फैसल, निवासी सैदनगली, जनपद संभल
- सत्तार, निवासी गुहावर, थाना नूरपुर, जनपद बिजनौर
- यूसुफ (पूरा पता अज्ञात)
फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे लोगों को पुराने नोट नई करेंसी में बदलने का झांसा देते थे और इस तरीके से ठगी करते थे। आरोपियों ने यह भी दावा किया है कि कुछ बैंककर्मियों से उनकी मिलीभगत थी, जिनकी मदद से वे पुराने नोट बदलवाने की योजना बनाते थे।
पकड़े गए आरोपी मोहम्मद रियाज दोनों पैरों से दिव्यांग है। वहीं, सिपाही विक्की गौतम के खिलाफ पहले से ही विभागीय कार्यवाही संभावित है क्योंकि वह लंबे समय से अनुपस्थित चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी समेत IPC की अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।