हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025 अलीगढ़
अलीगढ़, 5 जून — अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (JNMC) के न्यूरोसर्जन डॉ. अहमद अंसारी ने हैदराबाद स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में आयोजित एंडोस्कोपिक संगोष्ठी एवं ऑपरेटिव वर्कशॉप में उन्नत बायपोर्टल एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी का लाइव डेमोंस्ट्रेशन प्रस्तुत कर चिकित्सा जगत में उल्लेखनीय योगदान दिया।
डॉ. अंसारी को इस आयोजन में विशिष्ट ऑपरेटिंग फैकल्टी सदस्य के रूप में आमंत्रित किया गया था। एक दिवसीय इस शैक्षणिक कार्यक्रम में देशभर से आए न्यूरोसर्जन और रेजिडेंट डॉक्टरों ने भाग लिया। उन्होंने न केवल दो-स्तरीय स्पाइन डिकंप्रेशन सर्जरी का प्रदर्शन किया, बल्कि बायपोर्टल तकनीकों और जटिलताओं से बचाव की रणनीतियों पर भी व्याख्यान दिए।
डॉ. अंसारी ने बताया कि यह तकनीक स्लिप डिस्क, डीजेनेरेटिव स्पाइन स्थितियों और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर जैसी बीमारियों के इलाज में बेहद कारगर है। इस मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया में मात्र एक सेंटीमीटर से भी छोटी दो चीरों से ऑपरेशन संभव होता है, जिससे रक्तस्राव कम होता है और मरीज तेजी से स्वस्थ होता है। अधिकांश मामलों में मरीजों को 24 घंटे के भीतर अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। उन्होंने अब तक 100 से अधिक सफल सर्जरी कर सैकड़ों मरीजों को राहत दी है।
उन्होंने अपनी विशेषज्ञ ट्रेनिंग दक्षिण कोरिया के वूरीडुल स्पाइन हॉस्पिटल, सियोल से प्राप्त की है।
न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रमन एम. शर्मा ने बताया कि जेएनएमसी भारत के गिने-चुने सरकारी संस्थानों में शामिल है, जहां एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी नियमित रूप से की जाती है। उन्होंने कहा कि UBE तकनीक आधुनिक स्पाइन केयर में क्रांतिकारी भूमिका निभा रही है और जेएनएमसी अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक उभरता हुआ उत्कृष्टता केंद्र बन चुका है।
प्रो. एम.एफ. होदा ने भी इस तकनीक के क्लीनिकल लाभों जैसे न्यूनतम चीरे, कम रक्तस्राव, कम अस्पताल में भर्ती समय और तेज पुनर्वास पर प्रकाश डाला।
प्राचार्य और डीन प्रो. एम. हबीब रज़ा ने डॉ. अंसारी और विभाग को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल शैक्षणिक प्रगति की मिसाल है, बल्कि रोगी देखभाल के क्षेत्र में भी जेएनएमसी की अग्रणी भूमिका को दर्शाती है।