हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12 मई : 2025,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए इस शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रदेशभर में 71 नए राजकीय महाविद्यालय खोलने का ऐलान किया है। यह पहली बार होगा जब राज्य में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ महाविद्यालयों की शुरुआत की जाएगी। जुलाई 2025 से इन कॉलेजों में पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी।
शिक्षा में बड़े सुधार की तैयारी
योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत और सुलभ बनाने के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है। इसी क्रम में शिक्षा निदेशालय ने अब तक 40 महाविद्यालयों का हस्तांतरण कर दिया है और शेष कॉलेजों की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। लक्ष्य है कि जुलाई से ही इन संस्थानों में पढ़ाई शुरू कर दी जाए।
बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था तेज
शिक्षा निदेशालय के अनुसार कॉलेजों में छात्रों के बैठने की व्यवस्था, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं और अन्य सुविधाओं को जुटाने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। इसके अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर के 1065 पदों समेत कुल 1562 पदों पर सीधी भर्ती की सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। बहुत जल्द इससे संबंधित आधिकारिक आदेश भी जारी होंगे।
इन जिलों को मिलेगा सबसे ज्यादा लाभ
नए महाविद्यालयों का सबसे अधिक लाभ बरेली को मिलेगा, जहां 13 नए कॉलेज शुरू किए जाएंगे। इसके बाद लखनऊ में 12 कॉलेज, मेरठ में 10, आगरा और झांसी में 9-9, गोरखपुर में 4, प्रयागराज में 2 और सिराथू में 1 महाविद्यालय खोले जाएंगे। सभी कॉलेजों का संचालन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार होगी पढ़ाई
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 172 राजकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें अधिकतर में केवल एक या दो संकाय ही चलाए जा रहे हैं। लेकिन नए कॉलेजों में आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस तीनों संकायों की पढ़ाई कराई जाएगी। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप होगा, जिससे छात्रों को बहुविषयी शिक्षा का अवसर मिलेगा। उदाहरण के लिए, अब साइंस का छात्र भी संस्कृत जैसे विषय पढ़ने का विकल्प चुन सकता है।
शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल
शिक्षा निदेशक के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस घोषणा के बाद 2025-26 सत्र से एक साथ 71 कॉलेजों का संचालन शुरू करना प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में भी उच्च शिक्षा सुलभ हो सकेगी।

















