• Home
  • लखनऊ
  • यूपी के छह जिलों के नौ डीलर्स सीबीआई के शिकंजे में, 1100 सिम के जरिए हो रहे थे अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड
Image

यूपी के छह जिलों के नौ डीलर्स सीबीआई के शिकंजे में, 1100 सिम के जरिए हो रहे थे अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑16 मई : 2025

लखनऊ। साइबर फ्रॉड के मामलों की तेजी से बढ़ती घटनाओं के बीच सीबीआई ने एक बड़े सिम कार्ड घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के छह जिलों के नौ सिम कार्ड डीलर्स को नामजद किया गया है। यह घोटाला न सिर्फ देश बल्कि दक्षिण एशियाई देशों में भी साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फर्जी सिम कार्ड के नेटवर्क से जुड़ा है।

गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर लगभग 2200 शिकायतें मिलने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो यह सामने आया कि देशभर के 1930 सिम डीलर्स की ओर से करीब 64 हजार फर्जी सिम कार्ड बेचे गए थे। इनमें 39 डीलर्स उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों के हैं, जिन्होंने करीब 1100 सिम कार्ड फर्जी नाम और पते पर बेचे थे।

उत्तर प्रदेश के जिन छह जिलों के डीलर्स को सीबीआई ने अपनी एफआईआर में नामजद किया है, उनमें लखनऊ, आगरा, हाथरस, हरदोई, कन्नौज और उन्नाव शामिल हैं। इन जिलों के नौ डीलर्स की पहचान इस प्रकार की गई है:

  • लखनऊ (जानकीपुरम): अदिति मोबाइल रिपेयरिंग एंड एक्सेसरीज के मनोज कुमार वर्मा
  • उन्नाव: अमित टेलीकॉम के आशीष
  • आगरा: दीपक कम्युनिकेशन के दीपक माहौर
  • हरदोई: अंकित टेलीकॉम के अंकित कुमार और बंशीधर
  • हाथरस: राजीव सागर, मुकेश कुमार, न्यू सुजाता मोबाइल के धारा सिंह
  • कन्नौज: तिवारी किराना स्टोर के सत्यम तिवारी

इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने जानबूझकर फर्जी नाम-पते पर सिम कार्ड एक्टिवेट किए और उन्हें साइबर अपराधियों को बेचा।

जांच में खुलासा हुआ कि ये डीलर्स ग्राहकों से असली केवाईसी करवाने के बाद यह बताते थे कि पहला प्रयास फेल हो गया है, और दोबारा केवाईसी करवाकर उसी नाम-पते पर एक और सिम एक्टिवेट कर देते थे। यह दूसरा सिम ग्राहक की जानकारी के बिना “गोस्ट सिम” के रूप में उपयोग किया जाता था। इसके बाद इन सिम कार्ड का उपयोग बैंक फ्रॉड, फर्जी निवेश, जासूसी, डिजिटल अरेस्ट और यूपीआई फ्रॉड जैसे गंभीर साइबर अपराधों में किया जाता था।

सीबीआई की इस कार्रवाई में न सिर्फ यूपी, बल्कि पश्चिम बंगाल, असम, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और कर्नाटक के कई डीलर्स भी शामिल हैं। यह पूरा नेटवर्क एक संगठित साइबर फ्रॉड सिंडिकेट के रूप में काम कर रहा था, जिसकी जड़ें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैली हुई थीं।

सीबीआई ने बीते दिनों यूपी समेत कई राज्यों में इन डीलर्स के ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें दस्तावेज़, मोबाइल फोन, कंप्यूटर डाटा और सिम एक्टिवेशन से जुड़े डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, फर्जी सिम कार्डों के जरिए विदेशों से भी अपराध संचालित हो रहे थे, जिनका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को ठगना और उनके बैंक खातों तक पहुंच बनाना था।

Releated Posts

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी पर जल चढ़ाने पहुंचे कांवड़िए, पुलिस ने रोका

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 26 जुलाई 2025 लखनऊ, 26 जुलाई — राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को एक अजीब वाकया…

ByByHindustan Mirror NewsJul 26, 2025

लखनऊ: STF चीफ बनकर 28 लाख रुपये की ठगी

लखनऊ | साइबर ठगों ने खुद को एटीएस और एसटीएफ अधिकारी बताकर एक रिटायर्ड बैंक कैशियर को डिजिटल…

ByByHindustan Mirror NewsJul 26, 2025

लखनऊ: फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर 56 लाख की ठगी, गिरोह का सरगना समेत तीन गिरफ्तार

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 25 जुलाई 2025 लखनऊ में साइबर ठगों के एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ है…

ByByHindustan Mirror NewsJul 25, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ऊर्जा विभाग समीक्षा बैठक आज शाम

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज लखनऊ, 25 जुलाई 2025 — सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की स्थिति…

ByByHindustan Mirror NewsJul 25, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top