हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 7 मई : 2025,
नई दिल्ली/इस्लामाबाद – भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के अड्डों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। इस एयरस्ट्राइक में कई आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें लश्कर के शीर्ष कमांडर भी शामिल हैं।
मुरीदके, बहावलपुर और कोटली के कैंप तबाह
इस सैन्य अभियान में भारत ने PoK के साथ-साथ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित आतंक के गढ़ों पर भी हमला किया। मुरिदके, बहावलपुर, कोटली, मुजफ्फराबाद और सियालकोट के इलाकों में स्थित कई आतंकी ठिकानों को मटियामेट कर दिया गया।
विशेष रूप से निशाना बनाए गए ठिकानों में शामिल हैं:
- जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने:
- बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह
- तेहरा कलां का सरजल अड्डा
- कोटली का मरकज अब्बास
- मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप
- लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने:
- मुरिदके का मरकज तैयबा
- बरनाला का मरकज अहले-हदीस
- मुजफ्फराबाद का शवावाई नाला कैंप
- हिजबुल मुजाहिदीन के प्रशिक्षण कैंप:
- कोटली का मक्का राहील शाहिद कैंप
- सियालकोट का मेहमूना जोया केंद्र
जनाजे में पाकिस्तानी सेना और पुलिस की मौजूदगी से खुला पोल
पाकिस्तानी मीडिया द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में देखा गया कि एयरस्ट्राइक में मारे गए आतंकियों में से एक के जनाजे में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर हाफिज अब्दुल रऊफ मौजूद था। साथ ही पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और पंजाब पुलिस के आईजी स्तर के अधिकारी भी जनाजे में शामिल नजर आए।
यह वीडियो अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक बार फिर यह उजागर करता है कि पाकिस्तान न केवल आतंकियों को पनाह देता है, बल्कि राजकीय समर्थन भी प्रदान करता है। हाफिज अब्दुल रऊफ का जनाजे में शामिल होना इस बात की पुष्टि करता है कि भारत की कार्रवाई ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की संभावना
भारत के इस निर्णायक कदम के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें एक बार फिर पाकिस्तान की ओर उठ गई हैं। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के आतंकवाद पर दोहरे रवैये को उजागर करता है, जिससे भविष्य में उस पर वैश्विक दबाव और अधिक बढ़ सकता है।