हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 12 मई : 2025,
रायबरेली, उत्तर प्रदेश। रायबरेली जिला अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिर गया है। शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली महिला नूरजहां ने जिला अस्पताल के सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) और सुरक्षा गार्डों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि जब वह अपने मरीज को देखने अस्पताल पहुंची थी, तब वहां तैनात गार्डों ने उसके साथ अभद्रता की और मारपीट का प्रयास किया। यही नहीं, महिला का यह भी आरोप है कि जांच के लिए बुलाने पर सीएमएस ने उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाला और धमकी दी कि शिकायत वापस नहीं ली तो परिणाम भुगतने होंगे।
महिला ने बताया कि उसे सीएमएस डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने धमकाया और कहा कि अगर सही इलाज चाहिए तो प्राइवेट अस्पताल जाओ, यहां कुछ नहीं मिलेगा। इसके अलावा महिला ने आरोप लगाया कि अस्पताल के गार्ड संदीप समेत अन्य ने उसका मोबाइल छीन लिया और धक्का-मुक्की भी की।
धरने पर बैठी महिला, वायरल हुआ वीडियो
इस पूरी घटना से आक्रोशित महिला ने बीते शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन के सामने उस वक्त धरना दे दिया, जब वहां प्रमुख सचिव की गाड़ी पहुंच रही थी। महिला अधिकारियों की गाड़ी के सामने बैठ गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। तुरंत ही एडीएम वित्त एवं राजस्व अमृता सिंह सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और महिला को उचित कार्रवाई का भरोसा देकर वहां से हटाया।
इस घटना का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें महिला सीएमएस और गार्डों पर आरोप लगाती नजर आ रही है। वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया और एडीएम ने सीएमओ (मुख्य चिकित्साधिकारी) को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सीएमएस का पक्ष
सीएमएस डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने महिला के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि न तो किसी को धमकी दी गई और न ही किसी प्रकार की अभद्रता की गई है। महिला का आरोप निराधार है।
प्रशासन सख्त, निष्पक्ष जांच का भरोसा
प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है, जो जल्द ही रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। फिलहाल जिला अस्पताल का यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोगों में अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

















