हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सियासत उफान पर है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) लगातार मुलाकात की मांग और जेल के बाहर विरोध प्रदर्शनों से केंद्र सरकार पर दबाव बनाए हुए है। इसी पृष्ठभूमि में शहबाज शरीफ की संघीय सरकार खैबर पख्तूनख्वा (KP) में गवर्नर रूल लगाने पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिसे पीटीआई के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
जूनियर कानून और न्याय मंत्री बैरिस्टर अकील मलिक ने कहा कि केपी सरकार सुरक्षा और शासन के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है। जियो न्यूज से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी और उनकी टीम प्रशासनिक ढांचा सुचारु रखने में नाकाम रही है। मलिक के अनुसार, केपी सरकार केंद्र से तालमेल नहीं बनाना चाहती और न ही जरूरी क्षेत्रों में कार्रवाई करती है। ऐसे में गवर्नर शासन लागू करने का विकल्प मजबूरी बनता दिख रहा है।
संविधान के अनुच्छेद 232 और 234 के तहत पाकिस्तान में गवर्नर रूल लगाया जा सकता है, जिसे राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह या गवर्नर की सिफारिश पर लागू कर सकते हैं। शुरुआत में इसे दो महीने के लिए लगाया जाता है और जरूरत पड़ने पर आगे बढ़ाया जा सकता है। मलिक ने दावा किया कि केपी सरकार रास्ते बंद कर प्रांत को देश से अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है, जो स्थिति को और गंभीर बनाता है।
इस दौरान केपी के गवर्नर फैसल करीम कुंडी को हटाए जाने की अटकलें भी तेज हुईं, हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया। हाल की प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात में पीएम ने उन पर भरोसा जताया और संकेत दिया कि उन्हें हटाने का कोई इरादा फिलहाल नहीं है।
यह पूरा घटनाक्रम उस समय तेज हुआ जब मुख्यमंत्री अफरीदी को लगातार आठवीं बार इमरान खान से मिलने की अनुमति नहीं मिली। इसके विरोध में उन्होंने अडियाला जेल के बाहर रातभर धरना दिया, जिसमें कैबिनेट सदस्य भी शामिल थे। सुबह फज्र की नमाज के बाद अफरीदी ने धरना समाप्त करने और अब इस्लामाबाद हाई कोर्ट का रुख करने की घोषणा की।













