हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 16 अप्रैल: 2025,
बुधवार तड़के अफगानिस्तान की धरती हिली
अफगानिस्तान में बुधवार सुबह करीब 4:43 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.9 मापी गई। इसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में जमीन से 75 किलोमीटर की गहराई में था।
भारत के कई हिस्सों में महसूस हुए झटके
इस भूकंप का असर अफगानिस्तान तक सीमित नहीं रहा। उत्तर भारत के कई हिस्सों, खासकर दिल्ली-एनसीआर में भी झटकों को महसूस किया गया। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लोगों ने झटकों की जानकारी साझा की। हालांकि, अभी तक भारत में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
पाकिस्तान और तजाकिस्तान में रहा ज्यादा असर
पड़ोसी देश पाकिस्तान और तजाकिस्तान में भी भूकंप का प्रभाव व्यापक रूप से महसूस किया गया। इन इलाकों में झटकों की तीव्रता अधिक बताई जा रही है, हालांकि किसी बड़े नुकसान की पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
म्यांमार में लगातार आ रहे भूकंप, विनाश और संकट की स्थिति
28 मार्च को आया था विनाशकारी भूकंप
म्यांमार में 28 मार्च को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद से रोज़ाना धरती हिल रही है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, 14 अप्रैल को फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 4.0 मापी गई। इसका केंद्र जमीन से 103 किलोमीटर की गहराई में था।
मणिपुर समेत उत्तर-पूर्वी भारत में असर
इस भूकंप का प्रभाव भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी देखा गया, खासकर मणिपुर में। इसके पहले 13 अप्रैल को भी म्यांमार में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे आफ्टरशॉक की आशंका बढ़ गई थी।
म्यांमार में भारी जान-माल का नुकसान, हजारों प्रभावित
अब तक 3649 लोगों की मौत, 5018 घायल
म्यांमार की सैन्य सरकार के अनुसार, 28 मार्च के भूकंप में अब तक करीब 3,649 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5,018 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं क्योंकि आफ्टरशॉक्स का सिलसिला जारी है।
मानवीय संकट और गहराया
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि भूकंप ने म्यांमार में पहले से मौजूद मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है। गृहयुद्ध से जूझ रहे देश में पहले ही 30 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। अब भूकंप के कारण कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।