हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: मंगलवार 10 जून 2025
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के तबादलों का आदेश जारी किया है। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के निर्देशानुसार, जनपद में 3 साल और मंडल में 7 साल से अधिक समय से तैनात समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों का स्थानांतरण अनिवार्य रूप से किया जाएगा। यह प्रक्रिया 15 जून 2025 तक हर हाल में पूरी करनी होगी।
गाजियाबाद में मचा हड़कंप
गाजियाबाद में इस आदेश से स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। जिले में 100 से अधिक डॉक्टर इस दायरे में आ रहे हैं, जिनमें से कई 8 से 22 वर्षों से यहीं तैनात हैं। स्थानांतरण की इस कार्रवाई से चिकित्सा विभाग में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
पारदर्शिता और सख्ती पर जोर
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी चिकित्सक की तैनाती उनके गृह जनपद में नहीं होगी। समूह ‘ग’ के कर्मचारियों, जैसे लिपिक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन और फार्मासिस्ट, के तबादले विभागाध्यक्ष की अनुमति से होंगे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में परिवर्तन प्रदेश, मंडल या जनपद स्तर पर अनिवार्य होगा।
अनुपालन न करने पर सख्त कार्रवाई
आदेश के मुताबिक, स्थानांतरित कर्मचारी यदि नई तैनाती पर कार्यभार ग्रहण नहीं करते, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सीएमओ ने भेजी सूची
गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में जिले में तैनात सभी चिकित्सकों की सूची शासन को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि हर साल तबादलों की चर्चा होती थी, लेकिन फाइलें पंचम तल पर अटक जाती थीं। इस बार प्रक्रिया पूरी होने की संभावना प्रबल है।