हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़,
अलीगढ़ का बहुप्रतीक्षित रामघाट रोड कल्याण मार्ग चौड़ीकरण प्रोजेक्ट शुरुआत से ही विवादों में घिर गया है। करीब 420 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना पर टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद शासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
मार्च 2025 में शासन ने इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए बजट स्वीकृत किया था। परियोजना के तहत 41 किलोमीटर लंबे मार्ग को फोरलेन बनाया जाना है, जिसमें दो पैच अलीगढ़ और एक पैच बुलंदशहर के पास तैयार किया जाना है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने 115 करोड़, 109 करोड़ और 186 करोड़ के तीन पैकेज तैयार किए थे। टेंडर प्रक्रिया भी विभाग द्वारा पूरी कर ली गई थी।
लेकिन इसी बीच, एक जनप्रतिनिधि ने शासन में शिकायत दर्ज कराई कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता का पालन नहीं हुआ। इस शिकायत को गंभीर मानते हुए मुख्य सचिव की ओर से मंडलायुक्त संगीता सिंह को पत्र भेजा गया। इसके बाद मंडलायुक्त ने मामले की गहन जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है, जिसकी अध्यक्षता नगर आयुक्त करेंगे।
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के निधन के बाद इस परियोजना की घोषणा की थी। लोनिवि ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा और स्वीकृति मिलने के बाद सड़क चौड़ीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। परंतु अब टेंडर में कथित अनियमितता की शिकायत ने पूरे प्रोजेक्ट को संदेह के घेरे में ला दिया है।
स्थानीय स्तर पर लोगों की उम्मीदें इस सड़क से जुड़ी हैं, क्योंकि चौड़ीकरण से न केवल ट्रैफिक दबाव कम होगा, बल्कि अलीगढ़ और बुलंदशहर के बीच कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। हालांकि, जांच पूरी होने तक परियोजना पर सवालिया निशान बने रहेंगे।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच समिति अपनी रिपोर्ट में किन निष्कर्षों पर पहुँचती है और क्या यह महत्वाकांक्षी परियोजना समय पर शुरू हो पाएगी या नहीं।