हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 27 अप्रैल: 2025,
अब्दुल्ला हॉल में बिजली कटौती से नाराज़ छात्राओं ने किया हंगामा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वीमेंस कॉलेज के अब्दुल्ला हॉल की छात्राओं ने लगातार हो रही बिजली कटौती के खिलाफ रविवार को जबरदस्त प्रदर्शन किया। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच छात्राएं पहले हॉल के अंदर फिर बाहर सड़क पर आकर प्रशासन और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगीं।
छात्राओं का आरोप है कि कई दिनों से अब्दुल्ला हॉल में बिजली की भारी समस्या बनी हुई है। कई बार शिकायत के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला, जिससे छात्राओं में गहरा आक्रोश फैल गया।
प्रॉक्टर टीम से हुई तीखी बहस

बिजली संकट को लेकर जब छात्राओं का गुस्सा फूटा, तो उन्हें शांत कराने के लिए एएमयू की प्रॉक्टर टीम मौके पर पहुंची। लेकिन छात्राओं का गुस्सा इस कदर था कि प्रॉक्टर टीम के साथ नोकझोंक भी हो गई। छात्राएं अपनी मांगों को लेकर डटी रहीं और किसी भी तरह का आश्वासन मानने को तैयार नहीं दिखीं।
कुलपति प्रो. नईमा खातून भी पहुंचीं प्रदर्शन स्थल पर
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून भी मौके पर पहुंचीं। हालांकि, वह लगभग आधे घंटे तक अपनी एसी कार में बैठी रहीं, जबकि छात्राएं बाहर धूप में प्रदर्शन करती रहीं।
बाद में प्रो. नईमा खातून गाड़ी से उतरीं और छात्राओं के बीच जाकर बातचीत की। उन्होंने छात्राओं की समस्याएं सुनीं और उन्हें जल्द समाधान का आश्वासन दिया। खबर लिखे जाने तक एएमयू का इंतजामिया छात्राओं को शांत करने और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने में लगा हुआ था।
परीक्षा के बीच हुआ प्रदर्शन, भारी अव्यवस्था
जब छात्राओं ने प्रदर्शन शुरू किया, उसी समय एएमयू परिसर में कक्षा-11 (इलेवनथ क्लास) में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा भी चल रही थी। विश्वविद्यालय ने इस परीक्षा के लिए 55 केंद्र बनाए थे, जहां लगभग 38,389 परीक्षार्थी शामिल हो रहे थे।
यह परीक्षा 1800 सीटों के लिए आयोजित की जा रही थी, और इसके लिए न केवल एएमयू परिसर बल्कि कोलकाता, लखनऊ, पटना, श्रीनगर, मल्लापुरम, मेरठ, मुर्शिदाबाद, बरेली, किशनगंज और नई दिल्ली जैसे शहरों में भी परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए थे।
छात्राओं की मुख्य मांगें
छात्राओं की प्रमुख मांगें निम्नलिखित थीं:
- अब्दुल्ला हॉल में नियमित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- बिजली कटौती की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए।
- छात्रों के रहने की सुविधाओं में सुधार किया जाए।
- विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो।