कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार सख्त, दुकानों पर पहचान उजागर करना अनिवार्य —
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के पवित्र माह में कानून व्यवस्था को लेकर बड़ा निर्देश दिया है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि सभी दुकानदारों को अपनी पहचान (नाम/धार्मिक पहचान) स्पष्ट रूप से दुकान पर प्रदर्शित करनी होगी, जिससे कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। इसी संदर्भ में योगी सरकार के मंत्री ठाकुर रघुराज सिंह ने बयान दिया है, जो अब सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
ठा रघुराज सिंह, दर्जा राज्य मंत्री/अध्यक्ष श्रम एवं सेवायोजन, भाजपा, उत्तर प्रदेश ने कहा, कांवड़ यात्रा पवित्र यात्रा है। हरिद्वार से जल लाकर भोलेनाथ को अर्पित करने वाले कांवड़ियों की भावना आहत न हो, इसलिए ये निर्णय लिया गया है। यदि दुकानों पर नाम अंकित होंगे तो श्रद्धालु तय कर सकेंगे कि उन्हें कहां भोजन करना है। किसी को जबरन थोपने की कोशिश नहीं होगी।
अपने बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले मंत्री रघुराज सिंह ने आगे कहा, जो लोग इस फैसले का विरोध करेंगे, चाहे वो एसटी हसन हों या कोई और, उन्हें उनकी ‘औकात’ याद दिलाई जाएगी। योगी जी की सरकार में कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाते हैं, अब उन पर कोई पत्थर नहीं मार सकता। पहले जैसे अत्याचार अब नहीं होंगे।
सपा सांसद डॉ. एसटी हसन के पुराने बयानों की ओर इशारा करते हुए ठाकुर रघुराज सिंह ने कटाक्ष किया और कहा, जिन्हें भारत में हिंदू संस्कृति से दिक्कत है, वे समझ लें कि ये देश 80% सनातनियों का है। जो इस पर सवाल उठाएंगे, उन्हें कड़ा जवाब मिलेगा।
उन्होंने ये भी कहा कि जो मुसलमान आज खुद को अलग दिखाते हैं, उनमें से 99% कभी हिंदू ही थे, जो कालांतर में धर्मांतरण से मुसलमान हुए। इनका इतिहास सब जानता है। आज ये अधर में हैं — न पूरी तरह मुसलमान, न पूरी तरह हिंदू।
ये बयान ऐसे समय आया है जब देशभर में कांवड़ यात्रा का उत्सव जोरों पर है और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार के कंधों पर है। लेकिन मंत्री के इस तीखे बयान ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को हवा देने का काम भी किया है, जिस पर सियासी प्रतिक्रियाएं आना तय मानी जा रही हैं।
विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी की ओर से भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया की संभावना है, क्योंकि एसटी हसन को लेकर मंत्री ने जिस भाषा का प्रयोग किया है, उसे लेकर विवाद खड़ा हो सकता है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर कोई सफाई देती है या ये बयान भाजपा की नीति के अनुरूप माना जाएगा