हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर जिला महिला कारागार में भावुकता और अपनापन से भरा अनोखा दृश्य देखने को मिला। सोमवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक विशेष राखी मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका था जब जेल प्रशासन ने खुली भेंट की अनुमति दी, जिससे बंदिनियों और उनके परिजनों के चेहरों पर खुशी और राहत साफ झलक रही थी।
रक्षाबंधन पर महिला परिजनों को विशेष अनुमति देकर जिला कारागार में बंद 212 बंदियों की कलाई पर राखी बांधकर भाई-बहन के रिश्ते की डोर को और मजबूत किया। कई बहनों की आंखें अपने भाइयों को देखकर छलक उठीं, वहीं भाइयों ने भी बहनों के हाथों से राखी बंधवाते हुए उन्हें ढांढस बंधाया। कुछ ने एक-दूसरे के हालचाल पूछते हुए पुराने दिनों की यादें ताजा कीं।

जेल अधीक्षक और कर्मचारियों की देखरेख में कार्यक्रम का संचालन सुचारु रूप से किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ भावनात्मक माहौल का भी पूरा ध्यान रखा गया। जेल प्रशासन ने सभी बहनों को मिठाई और सैनिटरी किट भेंट कर इस अवसर को और खास बना दिया।

जेल अधीक्षक ने बताया कि रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता और स्नेह का प्रतीक है। कोविड महामारी के दौरान बंद पड़ी खुली भेंट व्यवस्था अब दोबारा शुरू होने से कैदियों और उनके परिवारों में एक नई उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसर कैदियों को मानसिक रूप से सशक्त बनाने में मददगार होते हैं और पारिवारिक संबंधों को मजबूती देते हैं।

भाई-बहनों की यह मुलाकात भले कुछ घंटों की थी, लेकिन इन पलों में छलकते आंसू, मुस्कान और गले मिलना इस बात का प्रमाण थे कि दूरी और कठिनाइयों के बावजूद रिश्तों की मिठास और मजबूती कायम है। रक्षाबंधन का यह जश्न महिला कारागार की दीवारों के भीतर भी भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक बन गया।