हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
केंद्र सरकार के नए वेज कोड के लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव तय है। इस कोड के अनुसार अब किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कुल CTC का कम से कम 50% होना अनिवार्य होगा। इसका सीधा असर टेक-होम सैलरी पर पड़ेगा क्योंकि बेसिक बढ़ने के साथ PF और ग्रेच्युटी की कटौती भी बढ़ जाएगी। हालांकि इससे लंबी अवधि में रिटायरमेंट सेविंग मजबूत होगी।
सरकार के अनुसार “कोड ऑन वेज” शुक्रवार से प्रभावी हो गया है और इसके नियम अगले 45 दिन में नोटिफाई किए जाएंगे। नई परिभाषा के मुताबिक बेसिक, डीए और रिटेनिंग अलाउंस को वेज में शामिल किया जाएगा, जबकि HRA और कनवेंस अलाउंस इसके बाहर रहेंगे। इससे वे कंपनियां प्रभावित होंगी जो बेसिक कम रखकर भत्ते बढ़ा देती थीं। अब सभी कंपनियों को अपने सैलरी स्ट्रक्चर को नए मानकों के अनुसार संशोधित करना होगा।
PF में बढ़ोतरी इसलिए: PF की गणना बेसिक सैलरी पर होती है और कर्मचारी व नियोक्ता दोनों 12% योगदान करते हैं। बेसिक बढ़ने पर PF का योगदान भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगा। इससे टेक-होम सैलरी भले कम हो, लेकिन रिटायरमेंट फंड पहले से ज्यादा मजबूत होगा।
ग्रेच्युटी पर सीधा असर: ग्रेच्युटी अंतिम बेसिक सैलरी और कुल वर्षों की नौकरी पर आधारित होती है। बेसिक बढ़ने से ग्रेच्युटी राशि भी बढ़ जाएगी, जिससे कर्मचारियों को लंबे समय में अधिक लाभ मिलेगा।
कंपनियों को सैलरी स्ट्रक्चर बदलना होगा: नए वेज कोड का उद्देश्य कंपनियों द्वारा बेसिक कम दिखाने और अलाउंसेज बढ़ाने की प्रवृत्ति को खत्म करना है। इससे PF, पेंशन और अन्य सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट की कैलकुलेशन एकरूप हो जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि नया नियम कर्मचारियों को अधिक पारदर्शी और सही लाभ देगा।













