हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए चीन से जुड़ी सैटेलाइट सेवाओं पर सख्त कदम उठाया है। भारतीय स्पेस रेगुलेटर IN-SPACe ने चीन की ChinaSat और हांगकांग की ApStar व AsiaSat जैसी कंपनियों के प्रस्ताव खारिज कर दिए हैं। अब भारतीय ब्रॉडकास्टर्स और टेलीपोर्ट ऑपरेटर्स को मार्च 2026 तक GSAT या Intelsat सैटेलाइट्स पर शिफ्ट होना होगा।
एशियासैट, जो पिछले 33 वर्षों से भारत में काम कर रही थी, को केवल AsiaSat-5 और AsiaSat-7 तक सीमित मंजूरी दी गई है, जबकि AS6, AS8, AS9 को रोक दिया गया है। Zee, JioHotstar जैसी प्रमुख कंपनियां पहले ही अपने ट्रांसमिशन को भारतीय या सुरक्षित विदेशी सैटेलाइट्स पर ट्रांसफर कर चुकी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, Zee ने पुष्टि की है कि उसकी सेवाएं अब पूरी तरह GSAT-17, GSAT-30 और Intelsat-20 पर चल रही हैं। वहीं, InOrbit Space ने AsiaSat-5 और 7 की सेवाएं जारी रखने के लिए एक्सटेंशन मांगी है, लेकिन सुरक्षा कारणों से मंजूरी मिलने की संभावना कम है।
नई नीति के तहत, अब किसी भी विदेशी सैटेलाइट को भारत में काम करने से पहले IN-SPACe की अनुमति लेनी होगी। Intelsat, Starlink, OneWeb, और Inmarsat जैसी कंपनियों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। भारत की अपनी GSAT श्रृंखला की क्षमता लगातार बढ़ रही है, जिससे विदेशी निर्भरता घटेगी।
सरकार का लक्ष्य 2033 तक भारतीय स्पेस इंडस्ट्री को 44 अरब डॉलर तक पहुंचाना है, जिससे भारत का वैश्विक हिस्सा 2% से बढ़कर 8% हो जाएगा। यह कदम भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भर स्पेस मिशन की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है













