हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: मंगलवार 17 जून 2025
उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने और फील्ड में पुलिसकर्मियों के व्यवहार में गुणात्मक सुधार के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत 60,244 नवनियुक्त रिक्रूट आरक्षियों को ‘सद्व्यवहार’ का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इतनी बड़ी संख्या में आरक्षियों को संचार और व्यावहारिक कुशलता सिखाने के लिए मास्टर प्रशिक्षक तैयार किए जाएंगे। रिक्रूट आरक्षियों के आधारभूत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय कर्मयोगी मिशन के तहत एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण (आईजीओटी) को शामिल किया गया है। प्रशिक्षुओं के लिए आईजीओटी पोर्टल पर उपलब्ध दो कोर्स पूर्ण करना अनिवार्य होगा।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने प्रशिक्षण निदेशालय में क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) और उनके नालेज पार्टनर इल्युमिन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला के जरिए लीड ट्रेनर तैयार होंगे, जो 112 प्रशिक्षण संस्थानों में नियुक्त अध्यापकों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देकर लीड कोच बनाएंगे। ये लीड कोच रिक्रूट आरक्षियों को सद्व्यवहार, संचार और व्यावहारिक कुशलता का प्रशिक्षण देंगे।
कार्यशाला में पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों के प्रभारी ऑनलाइन जुड़े। डीजीपी ने कहा कि पिछले 25-30 वर्षों में पुलिस के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव आया है। आधारभूत प्रशिक्षण का प्रशिक्षुओं के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऑडियो-विजुअल कंटेंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए, जिसे सभी 112 प्रशिक्षण केंद्रों में उपयोग किया जा सके। उन्होंने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि निरंतर प्रशिक्षण, ब्रीफिंग और काउंसलिंग से पुलिसकर्मियों का श्रद्धालुओं के प्रति अच्छा व्यवहार संभव हुआ।
हेल्थ कोच पर भी जोर
रिक्रूट आरक्षियों के शारीरिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एडीजी पीटीएस, उन्नाव नवनीत सिकेरा ने बताया कि 32 पीटीआई को विशेष प्रशिक्षण देकर हेल्थ कोच के रूप में तैयार किया गया है। जल्द ही हेल्थ कोच का प्रस्तुतिकरण डीजीपी के समक्ष होगा।