नई दिल्ली, हिन्दुस्तान मिरर न्यूज।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दाखिल “वोट चोरी” मामले से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में राहुल गांधी ने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा क्षेत्र समेत अन्य इलाकों में कथित रूप से मतदाता सूचियों में हेराफेरी और वोट चोरी के आरोपों की जांच CBI या विशेष जांच दल (SIT) से कराने की मांग की थी। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने यह याचिका स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती और यदि याचिकाकर्ता चाहे तो वह अपनी शिकायत निर्वाचन आयोग (ECI) के समक्ष रख सकते हैं। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि यह मामला लोकसभा चुनावों से जुड़ा है और जांच के लिए उपयुक्त मंच निर्वाचन आयोग ही है।
यह याचिका अधिवक्ता रोहित पांडे की ओर से दायर की गई थी, जिन्होंने राहुल गांधी के 7 अगस्त 2025 के उस बयान का हवाला दिया था जिसमें उन्होंने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर “वोट चोरी” और “डुप्लीकेट नाम” जोड़े जाने का आरोप लगाया था। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि जब तक एक स्वतंत्र ऑडिट न हो, तब तक मतदाता सूची में किसी भी संशोधन पर रोक लगाई जाए और सूची को सार्वजनिक रूप से मशीन-रीडेबल प्रारूप में उपलब्ध कराया जाए ताकि जनता उसकी जांच कर सके।
सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि इस मांग को ठुकरा दिया और कहा कि याचिकाकर्ता के पास अभी भी वैधानिक विकल्प खुले हैं। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार की शिकायतें पहले निर्वाचन आयोग के पास जानी चाहिए, न कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में।
इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे को झटका लगा है क्योंकि राहुल गांधी की ओर से जिस तरह से पूरे मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया था, अब वह जांच फिलहाल नहीं हो पाएगी। राजनीतिक हलकों में इसे राहुल गांधी की कानूनी रणनीति के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।













