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₹10 के प्रिंटआउट से ₹15 लाख के सोने तक: इंस्टामार्ट पर खरीदारी के चौंकाने वाले आंकड़े

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:

छोटे शहरों में तेज़ उछाल, बड़े ऑर्डर ने खींचा ध्यान

बिजनेस डेस्क:
स्विगी के त्वरित डिलीवरी प्लेटफॉर्म इंस्टामार्ट ने वर्ष 2025 में उपभोक्ता व्यवहार के ऐसे आंकड़े पेश किए हैं, जो हैरान करने वाले हैं। सोमवार को जारी वार्षिक ऑर्डर विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, देश के छोटे और मझोले शहरों में इंस्टामार्ट के ऑर्डर में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि न केवल रोजमर्रा की जरूरतों तक सीमित रही, बल्कि महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स और कीमती वस्तुओं तक भी पहुंच गई।

राजकोट से भुवनेश्वर तक रिकॉर्ड ग्रोथ

रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के राजकोट में इंस्टामार्ट के ऑर्डर सालाना आधार पर 10 गुना बढ़े हैं। वहीं, लुधियाना में यह बढ़ोतरी सात गुना और भुवनेश्वर में चार गुना दर्ज की गई। इससे स्पष्ट है कि त्वरित आपूर्ति सेवाओं की पहुंच अब मेट्रो शहरों से आगे बढ़कर छोटे शहरों तक मजबूती से पहुंच रही है।

₹10 से लाखों तक की खरीदारी

इंस्टामार्ट पर ऑर्डर वैल्यू के मामले में भी बेहद रोचक आंकड़े सामने आए हैं। बेंगलुरु के एक ग्राहक ने मात्र ₹10 का प्रिंटआउट ऑर्डर किया, जबकि हैदराबाद के एक उपभोक्ता ने एक आईफोन खरीदने के लिए ₹4.3 लाख तक खर्च कर दिए। सबसे बड़ा ऑर्डर एक ग्राहक द्वारा किया गया, जिसकी कुल राशि ₹22 लाख रही। वहीं, मुंबई के एक ग्राहक ने इंस्टामार्ट के माध्यम से ₹15.16 लाख मूल्य का सोना खरीदा, जिसने सभी को चौंका दिया।

क्या सबसे ज्यादा मंगाया गया?

देशभर में सबसे अधिक दोहराए जाने वाले ऑर्डर में करी पत्ता, दही, अंडे, दूध और केला शामिल रहे। खास बात यह रही कि कोच्चि के एक ग्राहक ने पूरे साल में करी पत्ते के लिए 368 ऑर्डर दिए। यह दर्शाता है कि इंस्टामार्ट रोजमर्रा की जरूरतों का अहम प्लेटफॉर्म बन चुका है।

ऑर्डर का समय और गिफ्टिंग ट्रेंड

स्विगी के अनुसार, इंस्टामार्ट पर अधिकतर कार्ट सुबह 7 से 11 बजे और शाम 4 से 7 बजे के बीच भरे जाते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सोमवार गिफ्टिंग के लिए सबसे लोकप्रिय दिन बनकर उभरा। बेंगलुरु के एक ग्राहक ने डिलीवरी पार्टनर्स को साल भर में सिर्फ टिप के रूप में ₹68,600 दिए।

नुकसान भी बढ़ा

हालांकि, त्वरित आपूर्ति कारोबार में लगातार निवेश और प्रतिस्पर्धा के कारण स्विगी को वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ा है। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध घाटा बढ़कर ₹1,092 करोड़ हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹626 करोड़ था।

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