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जम्मू-कश्मीर और पंजाब में संदिग्ध ड्रोन गतिविधि, सेना सतर्क – स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 13 मई : 2025,

13 मई 2025 | जम्मू-कश्मीर/पंजाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के कुछ ही घंटों बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति एक बार फिर चर्चा में आ गई है। 12 मई की रात को जम्मू के सांबा जिले में और पंजाब के जालंधर में संदिग्ध ड्रोन देखे गए। दोनों ही घटनाओं को लेकर भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।

सांबा में इंटरनेशनल बॉर्डर पर दिखा ड्रोन

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सोमवार शाम को सांबा जिले के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के पास एक संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिया। भारतीय सेना ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। सेना ने जानकारी दी है कि फिलहाल सीमा पर कोई खतरा नहीं है और स्थिति पूरी तरह से शांत और अंडर कंट्रोल है।

जालंधर में निगरानी ड्रोन को मार गिराया गया

इसी क्रम में पंजाब के जालंधर जिले में मंड गांव के पास एक सर्विलांस ड्रोन को रात 9:20 बजे मार गिराया गया। जिले के डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल ने पुष्टि करते हुए बताया कि ड्रोन के मलबे की खोज रात में ही शुरू कर दी गई थी। रात 10:45 बजे एक सार्वजनिक संदेश में उन्होंने नागरिकों से अपील की कि यदि किसी को ड्रोन का मलबा दिखाई दे, तो उसके पास न जाएं, बल्कि तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें।

एहतियातन ब्लैकआउट और अलर्ट

सांबा, कठुआ, राजौरी और जम्मू के कुछ इलाकों में एहतियातन बिजली आपूर्ति रोक दी गई, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। माता वैष्णो देवी के मंदिर परिसर और दर्शन पथ पर भी सुरक्षा कारणों से लाइटें बंद रखी गईं। जालंधर के सुरनासी इलाके में भी कुछ क्षेत्रों में लाइटें बंद कर दी गईं थीं, हालाँकि किसी बड़े ब्लैकआउट की पुष्टि नहीं हुई है।

सीमावर्ती जिलों में तनाव की स्थिति

ड्रोन गतिविधियों के अलावा, कश्मीर के उत्तरी जिलों कुपवाड़ा और बारामुल्ला से लेकर दक्षिण के राजौरी, पुंछ, अखनूर और जम्मू जिले के परगवाल सेक्टर तक गोलीबारी की सूचनाएं भी सामने आई हैं। इसका प्रभाव कई सीमावर्ती जिलों में महसूस किया गया, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ गई है।

सीजफायर एग्रीमेंट पर फिर सवाल

पाकिस्तान के साथ 2001 में हुए सीजफायर एग्रीमेंट को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। 2021 में हुए संशोधित समझौते के बावजूद सीमा पार से लगातार हो रही गोलीबारी ने इस एग्रीमेंट की प्रभावशीलता को कमजोर कर दिया है। भारत-पाक के बीच 740 किलोमीटर लंबी एलओसी (LoC) पर पाकिस्तान अक्सर संघर्षविराम का उल्लंघन करता आ रहा है।

सेना का संदेश – घबराने की जरूरत नहीं

भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सेना ने आश्वासन दिया है कि स्थिति नियंत्रण में है और डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। जालंधर के डिप्टी कमिश्नर ने लोगों से पटाखे न फोड़ने की अपील करते हुए कहा कि इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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