हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 27 जुलाई 2025
भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अगले साल तक लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बनाई है। यह संख्या कंपनी के कुल कार्यबल का करीब 2 प्रतिशत है। TCS के इस निर्णय ने आईटी सेक्टर में हलचल मचा दी है, खासकर ऐसे समय में जब भारत में तकनीकी क्षेत्र में रोजगार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
क्यों कर रही है TCS इतनी बड़ी छंटनी?
कंपनी के अनुसार, यह निर्णय तेजी से बदलती तकनीकी आवश्यकताओं, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को अपनाने, और नई तकनीकों में निवेश करने की रणनीति के तहत लिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, TCS का उद्देश्य अपनी कार्यशैली को अधिक चुस्त (agile) और भविष्योन्मुखी (future-ready) बनाना है।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि छंटनी का असर मुख्य रूप से मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों पर पड़ेगा। इन कर्मचारियों की जगह पर भविष्य के लिए आवश्यक नई तकनीकी विशेषज्ञता वाले प्रोफेशनल्स को ट्रेनिंग देकर तैनात किया जाएगा।
क्या बोले TCS के सीईओ के. कृतिवासन?
TCS के CEO के. कृतिवासन ने छंटनी को लेकर स्पष्ट किया कि यह फैसला केवल AI के कारण नहीं लिया गया, बल्कि इसका उद्देश्य कर्मचारियों को नए कौशलों से लैस करना और कंपनी को नई तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार करना है।
उन्होंने कहा,
“हम न केवल नई तकनीकों जैसे एआई में निवेश कर रहे हैं, बल्कि ऑपरेटिंग मॉडल और वर्किंग स्टाइल को भी बदल रहे हैं। हमें अपनी टीम को अधिक लचीला और प्रतिस्पर्धी बनाना है, ताकि हम बाजार की बदलती मांगों के साथ तालमेल बना सकें।”
ग्राहक और सेवा पर असर नहीं
TCS ने आश्वासन दिया है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह योजना के तहत और सावधानीपूर्वक की जाएगी, ताकि इसके कारण किसी भी ग्राहक को कोई परेशानी न हो। कंपनी का कहना है कि वे री-स्किलिंग और रिडिप्लॉयमेंट पर भी ध्यान दे रहे हैं, ताकि कर्मचारियों को पूरी तरह बाहर निकालने की जगह उन्हें नई भूमिकाओं में स्थानांतरित किया जा सके।
यह छंटनी ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक आईटी उद्योग एआई क्रांति और ऑटोमेशन की ओर बढ़ रहा है। यह घटनाक्रम केवल TCS के लिए नहीं, बल्कि पूरे आईटी क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकेत है कि भविष्य उन्हीं का है, जो बदलती तकनीकों के साथ खुद को लगातार अपडेट कर सकें।