हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑16 मई : 2025
लखनऊ/जबलपुर। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के एक हालिया बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। सेना को लेकर की गई उनकी टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। जहां कांग्रेस ने इस बयान को “सेना का अपमान” करार दिया है, वहीं अब समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए भाजपा पर सेना के “लगातार अपमान” का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा—
“भाजपावाले सेना का जिस तरह निरंतर अपमान कर रहे हैं, वो बेहद निंदनीय है। स्वत: संज्ञान के माध्यम से मप्र के उप मुख्यमंत्री पर भी क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। देश की जनता सब देख रही है। भाजपाइयों ने चापलूसी की सभी हदें पार कर दी हैं। देश की सेना का मान-सम्मान सर्वोपरि है। सच्चे देशप्रेमियों में भाजपा को लेकर आक्रोश चरम पर है। चापलूसी विवेक हर लेती है।”
इस पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज हो गई है।
मामला तब शुरू हुआ जब जबलपुर में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रशंसा की। इसी दौरान उन्होंने एक बयान में कहा:
“पूरा देश, देश की सेना और सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक हैं।”
बस, यहीं से विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने इसे सेना का राजनीतिकरण बताते हुए “गंभीर अपमान” करार दिया।
बयान के वायरल होते ही डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने अपने शब्दों की सफाई दी और कहा कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया:
“जबलपुर प्रवास के दौरान सेना के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए मैंने जो भाषण दिया, उसे कांग्रेस ग़लत ढंग से प्रस्तुत कर रही है। मैंने कहा था कि सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में जो अद्भुत कार्य किया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, कम है। सेना के लिए पूरा देश नतमस्तक है। यह बयान सेना के सम्मान में था, लेकिन इसे गलत अर्थों में लिया गया।”
जहां कांग्रेस ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया और भाजपा पर सेना का नाम राजनीति में घसीटने का आरोप लगाया, वहीं अब अखिलेश यादव के इस मामले में उतरने से विवाद और बढ़ गया है। सपा प्रमुख ने सीधे तौर पर डिप्टी सीएम पर कानूनी कार्रवाई की मांग कर दी है, जो इसे केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि संवैधानिक और कानूनी सवाल भी बना देती है।