हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 1 मई : 2025,
लखनऊ, 1 मई: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सामाजिक न्याय की दिशा में अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अगर देश के 90 फीसदी पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समुदाय के लोग एकजुट हो जाएं, तो चुनावी जीत सुनिश्चित है।
जातीय जनगणना को बताया सामाजिक न्याय की शुरुआत
अखिलेश यादव ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जातीय जनगणना के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। उन्होंने चेतावनी दी कि चुनावों में धांधली न हो और जातीय जनगणना निष्पक्षता से कराई जाए। उन्होंने कहा, “सरकार अगर ईमानदारी से काम करे, तो यह सामाजिक न्याय के मार्ग पर एक बड़ा कदम साबित होगा।”
इंडिया गठबंधन की जीत बताया फैसला
सपा प्रमुख ने दावा किया कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार का फैसला इंडिया गठबंधन के एजेंडे की जीत है। उन्होंने कहा कि देश संविधान से चलता है, “मन-विधान” से नहीं। उन्होंने निजी क्षेत्रों में नौकरियों में आरक्षण और सामाजिक न्याय पर चर्चा की जरूरत बताई।
श्रमिकों के मुद्दे उठाए, पीडीए डेटा सेंटर की मांग
अखिलेश यादव ने श्रमिकों की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा शासन में सभी को मशीन समझा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मजदूरी में भी कमीशनखोरी हो गई है और आउटसोर्सिंग से श्रमिकों का शोषण हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 99 फीसदी मजदूर पीडीए वर्ग से आते हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने ‘पीडीए हेल्पलाइन’ के बाद अब ‘पीडीए डेटा सेंटर’ बनाने की मांग रखी।
सरकारी वेबसाइट के आंकड़े पेश करने पर सरकार को बताया असहज
सपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने सरकारी वेबसाइट से आंकड़े लेकर ग्राफ प्रस्तुत किया, जिससे सरकार असहज हो गई और जवाब देने के लिए एक रिटायर होने वाले अधिकारी को आगे कर दिया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई जिलों से जुटाए गए आंकड़े “चौंकाने वाले” हैं।
लाल चंद गौतम और बदरुद्दीन खान सपा में शामिल
अखिलेश यादव ने इस अवसर पर पार्टी में शामिल हुए नए नेताओं का स्वागत किया। उन्होंने लाल चंद गौतम की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से भाजपा को एसी कमरों से निकलकर सड़कों पर आना पड़ा। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को सावधानी बरतने और किसी की भावनाओं को आहत न करने की सलाह दी।
पूर्व सांसद अरविंद ने भी भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि किसी भी राजनेता की तुलना महापुरुषों से न की जाए। उन्होंने कहा कि महापुरुषों का व्यक्तित्व दिव्य होता है और उनकी तुलना नहीं की जा सकती।