हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: मंगलवार 24 जून 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को साफ किया कि कांग्रेस वृंदावन में इस कॉरिडोर का निर्माण नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि सरकार धार्मिक आस्था के प्रतीकों को ध्वस्त कर उन्हें पर्यटन केंद्र में तब्दील करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ऐसे किसी प्रयास का विरोध करेगी और प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी रहेगी।
राजधानी लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अजय राय ने आरोप लगाया कि काशी की तर्ज पर अब वृंदावन को भी बदला जा रहा है। बांके बिहारी कॉरिडोर के नाम पर वृंदावन की ऐतिहासिक कुंज गलियों को तोड़ने और 285 परिवारों के घर उजाड़ने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मिस्र और वेनिस जैसे शहर आज भी अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाकर रखे हुए हैं, लेकिन योगी सरकार अपने ही राज्य की सभ्यता के विरुद्ध काम कर रही है।
अजय राय ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार धार्मिक स्थलों पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं को बैठाकर नियंत्रण की कोशिश कर रही है। उन्होंने अयोध्या में अधूरे राम मंदिर की दो बार प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए इसे धार्मिक परंपराओं के विपरीत बताया।
पुरोहितों और स्थानीय लोगों ने भी जताई नाराज़गी
वृंदावन से आए बांके बिहारी मंदिर के तीर्थ पुरोहित सोहनलाल मिश्रा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका परिवार पांच सौ वर्षों से मंदिर सेवा से जुड़ा है। उन्होंने कहा, “जो अत्याचार औरंगजेब के समय नहीं हुआ, वह अब हो रहा है। हमारे घर, मंदिर और पहचान को मिटाने की साजिश रची जा रही है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार मंदिर चाहती है तो वह उन्हें गोरक्षपीठ दे दें, वे उसकी चार गुना कीमत देने को तैयार हैं। वहीं, वृंदावन से आए दीपक पराशर ने कहा कि सरकार व्यवस्थाएं बनाने के बजाय सामाजिक और धार्मिक ढांचे को बिगाड़ने पर तुली हुई है।
कॉरिडोर निर्माण पर विवाद गहराता
उल्लेखनीय है कि बांके बिहारी मंदिर के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। सरकार का कहना है कि यह परियोजना श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से है, जबकि स्थानीय लोगों और कई धार्मिक संगठनों का आरोप है कि इससे वृंदावन की पारंपरिक संस्कृति, गलियां और छोटे मंदिर नष्ट हो जाएंगे।

















