हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
लखनऊ। घने कोहरे के चलते यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने सख्त कदम उठाए हैं। अब यदि एक्सप्रेसवे पर दृश्यता 50 मीटर से कम होती है तो वाहनों को सीधे फैसिलिटी सेंटर पर रोका जाएगा। यह फैसला मथुरा के पास हुए भीषण सड़क हादसे के बाद लिया गया है, जिसमें मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।
यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर करीब 10 फैसिलिटी सेंटर हैं। इनमें जेवर क्षेत्र में 16 किलोमीटर और 35 किलोमीटर माइलस्टोन पर दोनों ओर चार, मथुरा क्षेत्र में 100 और 107 किलोमीटर माइलस्टोन पर चार तथा आगरा टोल प्लाजा पर दो फैसिलिटी सेंटर शामिल हैं। इन केंद्रों पर पार्किंग, खानपान और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। एक्सप्रेसवे प्रबंधन के पास दृश्यता मापने के आधुनिक यंत्र भी हैं। 50 मीटर से कम दृश्यता होने पर टोल प्लाजा पर वाहनों को रोककर उन्हें इन केंद्रों में भेजा जाएगा और हालात सुधरने पर 10-10 वाहनों के समूह में आगे रवाना किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर में अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यातायात सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक्सप्रेसवे और हाईवे पर पेट्रोलिंग बढ़ाने, टोल प्लाजा पर लाउडस्पीकर से कोहरे की चेतावनी देने, ओवरस्पीडिंग पर सख्त कार्रवाई करने और क्रेन व एंबुलेंस को 24×7 तैनात रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ब्लैक स्पॉट और डार्क स्पॉट चिन्हित कर वहां अतिरिक्त इंतजाम करने को कहा गया है।
कोहरे के कारण हादसों की आशंका को देखते हुए यूपीडा ने प्रदेश के सभी एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीड लिमिट 120 किमी/घंटा से घटाकर 80 किमी/घंटा कर दी है। यह व्यवस्था आमतौर पर 15 फरवरी तक लागू रहेगी। अधिकारियों का कहना है कि कोहरे में वाहनों की संख्या कम रहती है, जिससे इस तरह का प्रबंधन अपेक्षाकृत आसान होगा और दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकेगा।
मथुरा हादसे की जांच के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन, फरीदाबाद की 11 सदस्यीय टीम और जिला प्रशासन की समिति ने मौके का निरीक्षण शुरू कर दिया है। वहीं, मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच की प्रक्रिया जारी है।













