हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 15अप्रैल: 2025,
DU में ‘गोबर राजनीति’ का बवाल: DUSU अध्यक्ष ने प्रिंसिपल ऑफिस-बाथरूम में लगवाया गोबर, कहा– “जो क्लासरूम में हुआ, वही यहां भी होगा”
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के लक्ष्मीबाई कॉलेज में मंगलवार को उस समय माहौल गरमा गया जब DUSU अध्यक्ष रौनक खत्री कॉलेज की प्रिंसिपल के ऑफिस में गोबर की थैली लेकर घुस गए और दीवारों पर गोबर लीप दिया। बाथरूम में भी गोबर फेंका गया। यह सब एक वीडियो के बाद शुरू हुआ, जिसमें दावा किया गया कि कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. प्रत्युषा वत्सला ने खुद क्लासरूम की दीवारों पर गोबर लगवाया था।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में आरोप लगाया गया कि लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रिंसिपल ने “पारंपरिक और सकारात्मक ऊर्जा के उद्देश्य से” कक्षा की दीवारों पर गोबर लगाया। छात्रों का कहना है कि यह काम उनकी गैरमौजूदगी में किया गया और किसी से इसकी अनुमति नहीं ली गई।
इस वीडियो को लेकर NSUI और DUSU के अध्यक्ष रौनक खत्री ने विरोध जताया। वे मंगलवार को छात्रों के साथ प्रिंसिपल ऑफिस में पहुंचे और अपने साथ गोबर लेकर आए। इसके बाद उन्होंने ऑफिस की दीवारों और बाथरूम में गोबर लगवा दिया।
DUSU अध्यक्ष और वाइस प्रिंसिपल में गर्मा-गर्म बहस
प्रिंसिपल उस समय ऑफिस में मौजूद नहीं थीं, लेकिन वाइस प्रिंसिपल प्रो. लता शर्मा वहां थीं। उन्होंने कहा,
“मैम अभी ऑफिस में नहीं हैं, आप उनकी गैरमौजूदगी में कुछ मत करिए।”
इस पर रौनक खत्री ने जवाब दिया,
“जब क्लासरूम में बच्चे नहीं थे, तब गोबर लगाया गया, तो अब क्यों रुकें?”
जब वाइस प्रिंसिपल ने सवाल किया कि “क्या आप इस कॉलेज के छात्र हैं?”
तो खत्री ने कहा,
“मैं DUSU का अध्यक्ष हूं, पूरे DU के छात्रों की जिम्मेदारी मेरी है। क्लासरूम में जो प्रयोग हुआ है, वही यहां भी होना चाहिए।”
ऑफिस और बाथरूम में गोबर से लीपा गया परिसर
खत्री और उनके साथ आए कुछ छात्रों ने ग्लव्स पहनकर ऑफिस की दीवारों पर गोबर लगाया। बाथरूम के भीतर भी गोबर फेंका गया। खत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“वीडियो में साफ दिख रहा है कि कक्षा में गोबर लगाया गया है। अगर क्लासरूम के लिए यह अच्छा है, तो प्रिंसिपल के ऑफिस और वॉशरूम के लिए भी होना चाहिए।”
छात्रों की राय बंटी हुई
घटना के बाद DU कैंपस में छात्र समुदाय दो हिस्सों में बंट गया है। कुछ छात्र खत्री के विरोध के तरीके को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे ओवरड्रामैटिक और अनुचित बता रहे हैं। कॉलेज प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मामले की जांच की तैयारी में है।