हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गोवा में लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर रह रहे एक पाकिस्तानी नागरिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दो टूक टिप्पणी की। अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा वीजा रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता से कहा – “तो वापस चले जाओ।”
दरअसल, याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह 2016 से गोवा में रह रहा है, लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा अचानक रद्द कर उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे। इन्हीं में एक निर्णय पाकिस्तानी नागरिकों को जारी लॉन्ग टर्म वीजा को रद्द करने का भी था।
“हाईकोर्ट क्यों नहीं गए?” – सुप्रीम कोर्ट का सवाल
यह मामला सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय करोल और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के सामने आया। याचिकाकर्ता की ओर से इसे अर्जेंट मैटर के तौर पर दाखिल किया गया था। कोर्ट ने जब याचिकाकर्ता से कहा कि “वापस चले जाओ”, तो उसके वकील ने निवेदन किया कि वह वापस जाने को तैयार है लेकिन उसकी बात अदालत में सुनी जानी चाहिए।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि याचिकाकर्ता ने पहले संबंधित क्षेत्र के हाईकोर्ट का रुख क्यों नहीं किया। वकील ने जवाब में बताया कि पुलिस ने याचिकाकर्ता से संपर्क किया था और उसे वापस जाने का नोटिस दिया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया।
पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत
गौर करने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में एक अन्य मामले में पाकिस्तान से आए एक परिवार के छह सदस्यों को वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रहने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक उनकी नागरिकता के दावे की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें पाकिस्तान न भेजा जाए।