हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025 अलीगढ़
अलीगढ़, 5 जून – अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के हिंदी प्रकोष्ठ द्वारा गुरुवार को प्रशासनिक ब्लॉक के कॉन्फ्रेंस हॉल में “सरकारी कार्यालयों में राजभाषा हिंदी का प्रयोग एवं चुनौतियाँ” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रशासनिक विभागों के अनुभाग अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एएमयू के कुलसचिव मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने कहा कि विश्वविद्यालय में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन इसे और अधिक समर्पित भाव से अपनाने की जरूरत है। उन्होंने प्रतिभागियों से हिंदी की प्रशासनिक शब्दावली में दक्षता प्राप्त करने का आह्वान किया ताकि सरकारी पत्राचार और टिप्पणियाँ अधिक प्रभावी ढंग से तैयार की जा सकें। कुलसचिव ने इस तरह की कार्यशालाओं को अन्य स्थानों पर भी आयोजित करने की आवश्यकता जताई और हिंदी में संवाद कर प्रतिभागियों को प्रेरित भी किया।
मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. शंभुनाथ तिवारी ने कहा कि राजभाषा हिंदी में कार्य करना न केवल सरल है, बल्कि यह समय की आवश्यकता भी है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यों में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मानक हिंदी सहज एवं व्यावहारिक है, आवश्यकता केवल आत्मविश्वास के साथ उसका प्रयोग करने की है।
प्रो. तिवारी ने कार्यशाला में हिंदी के प्रयोग में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों और उनसे निपटने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अभ्यास और रुचि से इन चुनौतियों पर काबू पाया जा सकता है।
कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी असद उल्लाह खान ने किया। उन्होंने कार्यशाला में राजभाषा से संबंधित नियमों की जानकारी दी और बताया कि कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है।