हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 14 मई : 2025,
नई दिल्ली/उदयपुर।
पाकिस्तान को सैन्य सहयोग देने की कीमत अब तुर्किये को अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में चुकानी पड़ रही है। भारत में तुर्किये के उत्पादों का बहिष्कार अब तेजी से फैल रहा है। पहले पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब के आयात को पूरी तरह से रोक दिया था और अब राजस्थान के उदयपुर शहर के संगमरमर व्यापारियों ने भी तुर्की मार्बल का आयात बंद करने का ऐलान किया है।
उदयपुर के व्यापारियों का बड़ा निर्णय
उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने बताया कि कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तुर्किये के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उदयपुर, जो एशिया का सबसे बड़ा मार्बल निर्यातक केंद्र है, तुर्किये के इस पाकिस्तान-समर्थक रुख को बर्दाश्त नहीं करेगा।
“अगर हम तुर्किये के साथ अपना व्यापार बंद कर दें, तो इससे दुनिया को यह संदेश जाएगा कि भारत की जनता और उद्योग जगत भी सरकार के साथ खड़ा है,” – कपिल सुराणा, अध्यक्ष, उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी
भारत में तुर्की मार्बल की स्थिति
भारत में आयात होने वाले संगमरमर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा तुर्किये से आता है। ऐसे में उदयपुर जैसे प्रमुख संगमरमर व्यापार केंद्र का यह फैसला न सिर्फ आर्थिक रूप से तुर्किये को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि भारतीय मार्बल उद्योग के लिए नए अवसर भी खोलेगा। व्यापारियों का मानना है कि इस फैसले से देश में भारतीय संगमरमर की मांग में जबरदस्त इजाफा होगा।
पुणे में पहले ही हो चुका है तुर्की सेब का बहिष्कार
इससे पहले महाराष्ट्र के पुणे शहर में व्यापारियों ने तुर्की से सेब के आयात को बंद करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय पाकिस्तान के पक्ष में तुर्किये के बयान और सैन्य सहायता के विरोध में लिया गया था। पुणे में हर साल फसली मौसम में लगभग 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये मूल्य के तुर्की सेब आयात किए जाते थे, लेकिन अब व्यापारियों ने वैकल्पिक स्रोतों से सेब मंगवाने शुरू कर दिए हैं।
पर्यटन क्षेत्र पर भी पड़ा असर
तुर्किये और अजरबैजान जैसे पाकिस्तान-समर्थक देशों को अब भारत के पर्यटकों से भी तीखी प्रतिक्रिया मिल रही है। प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों जैसे ईंजॉयमॉय ट्रिप और काक्स एंड किंग्स ने इन देशों के लिए सभी यात्रा पैकेजों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। कई भारतीय पर्यटक सोशल मीडिया पर भी इन देशों के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं और अपनी यात्राएं रद्द कर रहे हैं।
तुर्की-पाकिस्तान गठजोड़ का असर
हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। भारत द्वारा सीमा पार की गई कार्रवाई के बाद तुर्किये ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया, जिससे भारतीय जनमानस में भारी असंतोष फैला। इसके परिणामस्वरूप अब तुर्किये के खिलाफ व्यावसायिक और सामाजिक स्तर पर बहिष्कार की लहर चल पड़ी है।
लक्षद्वीप मॉडल फिर आया चर्चा में
इससे पहले मालदीव द्वारा भारत विरोधी बयानबाजी के बाद वहां के पर्यटन क्षेत्र को बड़ा झटका लगा था। बड़ी संख्या में भारतीयों ने मालदीव की यात्राएं रद्द कर दी थीं और इसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप के पर्यटन को बढ़ावा देने का आह्वान किया था। अब वैसा ही रुख तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ अपनाया जा रहा है।