हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ 22 मई : 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एटीएस) ने देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाते हुए वाराणसी और दिल्ली से दो पाकिस्तान प्रायोजित जासूसी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में वाराणसी का तुफैल और दिल्ली के सीलमपुर निवासी मोहम्मद हारून शामिल हैं, जो पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां जुटाकर देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
वाराणसी के तुफैल पुत्र मकसूद आलम पर आरोप है कि वह पाकिस्तान प्रायोजित राष्ट्रविरोधी संगठन से जुड़कर भारत के विरुद्ध कार्य करता था। एटीएस को सूचना मिली थी कि तुफैल व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से चलाए जा रहे प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाद रिजवी के भड़काऊ वीडियो और मैसेज शेयर करता था।
तुफैल ने भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों जैसे राजघाट, ज्ञानवापी, जामा मस्जिद, लाल किला आदि के चित्र और जानकारियां पाकिस्तान के नंबरों पर भेजी थीं। वह फेसबुक के जरिए फैसलाबाद, पाकिस्तान निवासी नफीसा नाम की महिला के संपर्क में था, जिसके पति पाकिस्तानी सेना में कार्यरत है। तुफैल ने इस राष्ट्रविरोधी गतिविधि में वाराणसी के अन्य लोगों को भी शामिल किया और लगभग 600 पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क रखा।
22 मई 2025 को वाराणसी के आदमपुर से तुफैल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पास से मोबाइल और सिम बरामद हुई हैं। आरोपी के खिलाफ थाना एटीएस, लखनऊ में केस दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया है।
दिल्ली के सीलमपुर निवासी मोहम्मद हारून, जो दिल्ली में स्क्रैप का काम करता था, को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है। हारून पाकिस्तान उच्चायोग में नियुक्त मोहम्मद मुजम्मिल हुसैन के साथ मिलकर वीजा दिलवाने के नाम पर अवैध वसूली करता था। मुजम्मिल हुसैन को भारत सरकार ने पहले ही ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया है।
हारून ने मुजम्मिल हुसैन के कहने पर कई बैंक खाते भी उपलब्ध कराए थे और जानबूझकर पाकिस्तान के लिए भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा की थीं। आरोपी के पास से 2 मोबाइल फोन और 16,900 रुपये नकद बरामद हुए हैं।
22 मई 2025 को गिरफ्तार हारून के खिलाफ थाना एटीएस में धारा 148/152 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया है।
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स की इस बड़ी सफलता ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। पाकिस्तान प्रायोजित इस जासूसी रैकेट को ध्वस्त कर दिया गया है, जो भारत की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहा था।
एटीएस ने वाराणसी और दिल्ली में सक्रिय इन दोनों आरोपियों को पकड़ कर यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर देशद्रोह और जासूसी की अनुमति नहीं दी जाएगी। आगे की जांच और कार्रवाई जारी है।