• Home
  • उत्तर प्रदेश
  • यूपी सरकार की बड़ी पहल: DBFOO मॉडल के तहत 25 वर्षों तक सस्ती बिजली खरीदेगी
Image

यूपी सरकार की बड़ी पहल: DBFOO मॉडल के तहत 25 वर्षों तक सस्ती बिजली खरीदेगी

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़: 6 मई : 2025,

उत्तर प्रदेश सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 1600 मेगावाट क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1500 मेगावाट बिजली 25 वर्षों तक सस्ती दर पर खरीदने का फैसला किया गया।

2958 करोड़ रुपए की होगी बचत, यूपीपीसीएल को मिलेगा लाभ

यह बिजली DBFOO मॉडल (Design, Build, Finance, Own & Operate) के तहत निजी कंपनी से खरीदी जाएगी। इस डील के जरिए यूपी पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को 25 वर्षों में करीब 2958 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है।

5.38 रुपये प्रति यूनिट की सबसे सस्ती बोली पर हुआ करार

बोली प्रक्रिया में 7 कंपनियों ने भाग लिया था, जिनमें से 5 कंपनियों ने फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लिया। सबसे कम टैरिफ (5.38 रुपए/यूनिट) वाली निजी कंपनी का चयन किया गया। यह टैरिफ दो भागों में बंटा है:

  • फिक्स्ड चार्ज: ₹3.727 प्रति यूनिट
  • फ्यूल चार्ज: ₹1.656 प्रति यूनिट

कुल मिलाकर यह दर अन्य सरकारी पावर प्लांट्स की तुलना में काफी कम है।

2030-31 में शुरू होगी परियोजना, 6.10 रुपए प्रति यूनिट होगी दर

वित्तीय वर्ष 2030-31 में इस पावर प्लांट के चालू होने की उम्मीद है। उस समय बिजली की दर ₹6.10 प्रति यूनिट होगी, जो कि जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर और पनकी जैसी मौजूदा परियोजनाओं (जहां दरें ₹6.60 से ₹9 प्रति यूनिट तक हैं) की तुलना में काफी सस्ती होगी।

पावर सप्लाई एग्रीमेंट 25 वर्षों के लिए होगा

कैबिनेट बैठक में निर्णय के तहत 25 वर्षों के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट (PSA) किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि यह समझौता तभी होगा जब पावर प्लांट उत्तर प्रदेश में स्थापित होगा, जिससे राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

महाराष्ट्र से भी सस्ती डील, पिछली डील्स से बेहतर शर्तें

ऊर्जा मंत्री के अनुसार, इसी निजी कंपनी ने पिछले वर्ष महाराष्ट्र सरकार के साथ भी इसी तरह की डील की थी, लेकिन यूपी सरकार की यह डील उससे भी सस्ती है। इसके अलावा पूर्व के पावर परचेज एग्रीमेंट्स और सार्वजनिक संयंत्रों से मिलने वाली बिजली की दरों की तुलना में भी यह डील अधिक लाभकारी है।

2033-34 तक 10,795 मेगावाट तापीय ऊर्जा की आवश्यकता

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अनुसार, 2033-34 तक राज्य को करीब 10,795 मेगावाट अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही 23,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी योजना तैयार की गई है।

क्या है DBFOO मॉडल?

DBFOO (Design, Build, Finance, Own, Operate) एक ऐसा मॉडल है जिसमें परियोजना का निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन निजी कंपनी द्वारा किया जाता है। सरकार सिर्फ कोयला लिंकेज उपलब्ध कराती है और उससे बिजली खरीदती है। इससे सरकारी निवेश कम होता है और परियोजना की लागत भी नियंत्रित रहती है।

ऊर्जा संकट से निपटने की रणनीतिक योजना

इस कदम से न सिर्फ भविष्य की ऊर्जा मांगों को पूरा किया जा सकेगा, बल्कि घरेलू उपभोक्ताओं और उद्योगों को स्थिर और सस्ती बिजली भी उपलब्ध होगी। यूपी सरकार की यह रणनीति राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निर्णायक मानी जा रही है।

Releated Posts

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का अखिलेश यादव पर हमला: “PDA फर्जी, मुंगेरीलाल जैसे सपने देख रहे”

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष…

ByByHindustan Mirror NewsAug 25, 2025

अंतरिक्ष से लौटे भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का लखनऊ में होगा भव्य स्वागत

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला Axiom Mission-4 पूरा करने के बाद…

ByByHindustan Mirror NewsAug 25, 2025

एएमयू में पूर्व राष्ट्रपति “डॉ. शंकर दयाल शर्मा गोल्ड मेडल” के लिए आवेदन आमंत्रित

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: अलीगढ़, 23 अगस्तः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने अपने नियमित छात्रों से शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए पूर्व राष्ट्रपति…

ByByHindustan Mirror NewsAug 23, 2025

पूजा पाल ने अखिलेश यादव के PDA की पोल खोली, कहा – सपा परिवार, दागी और अपराधी का गठबंधन

हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजनीति में “PDA” शब्द को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है।…

ByByHindustan Mirror NewsAug 23, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top