हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में संघ के 100 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में मीडिया के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि संघ सरकार को दिशा नहीं देता, बल्कि केवल सलाह देता है और निर्णय सरकार का ही होता है।
सवाल और भागवत का जवाब
समारोह के तीसरे दिन Media Ne भागवत से पूछा कि क्या संघ सरकार का एजेंडा तय करता है? इस पर उन्होंने कहा – “सब कुछ संघ तय करता है, यह पूर्णतया गलत है। हम केवल सलाह देते हैं। सरकार को क्या करना है और कैसे करना है, यह उसका निर्णय है। अगर हम फैसला करते तो इतना समय नहीं लगता।”
‘हर सरकार से अच्छे रिश्ते’
भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ का हर सरकार से अच्छा तालमेल है, चाहे वह केंद्र की हो या राज्य की। हालांकि उन्होंने माना कि कुछ सरकारों में आंतरिक मतभेद होते हैं, लेकिन यह मनभेद नहीं होते। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए सिस्टम की देन है।
‘संघर्ष है पर झगड़ा नहीं’
संघ प्रमुख ने कहा कि अगर स्वयंसेवकों का कोई काम अच्छा परिणाम देता है तो उसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा – “संघर्ष हो सकता है, लेकिन झगड़ा नहीं है। हम सामूहिक निर्णय लेते हैं। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है।”
‘किसी दल को पराया नहीं मानते’
भागवत ने यह भी कहा कि संघ किसी भी राजनीतिक दल से परहेज नहीं करता। “हम किसी दल को पराया नहीं मानते। यदि दूसरी ओर से रुकावट होती है तो हम उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए रुक जाते हैं।”
आत्मनिर्भरता और हिंदू राष्ट्र पर भी चर्चा
इस मौके पर मोहन भागवत ने आत्मनिर्भर भारत और हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी जड़ों से जुड़कर आगे बढ़ना होगा और समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना ही संघ का लक्ष्य है।