हिन्दुस्तान मिरर न्यूज
अलीगढ़, 04 जुलाई 2025
कुपोषण से जंग के लिए अलीगढ़ मंडल में आयुक्त संगीता सिंह की एक अभिनव पहल रंग ला रही है। सुपोषण संवर्धन अभियान के अंतर्गत गंभीर रूप से कुपोषित (सैम) बच्चों के परिवारों को सहजन (मोरिंगा ओलिफेरा) के पौधे वितरित किए जा रहे हैं।

डीपीओ के0के0 राय ने जानकारी दी कि अतरौली, इगलास, अकराबाद एवं चंडौस परियोजनाओं में चिन्हित 472 सैम बच्चों को तीन-तीन पौधों के हिसाब से कुल 1416 सहजन के पौधे वितरित किए गए हैं। इनमें से एक पौधा सैम बच्चे के घर, दूसरा संबंधित आंगनवाड़ी केंद्र और तीसरा सार्वजनिक स्थल या जरूरत के अनुसार अन्य स्थानों पर रोपित किया जा रहा है।
पोषण से आत्मनिर्भरता की ओर कदम
आयुक्त संगीता सिंह ने कहा कि सहजन का पौधा पोषण के क्षेत्र में “सुपरफूड” की भूमिका निभाता है। यह बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ परिवारों को जागरूक एवं आत्मनिर्भर भी बनाएगा। सहजन की पत्तियां और फली प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो कुपोषण दूर करने में बेहद कारगर हैं।
घर-घर सहजन, आंगन-आंगन पोषण
आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां स्वयं बच्चों के घर जाकर पौधारोपण कर रही हैं और साथ ही परिवारों को सहजन के पोषण लाभ के बारे में जागरूक भी कर रही हैं।
वन विभाग की सक्रिय भूमिका
सहायक निदेशक सूचना संदीप कुमार ने बताया कि वन विभाग के पास वर्तमान में 231536 सहजन के पौधे उपलब्ध हैं। इनमें से 154498 पौधों का उठान हो चुका है और शेष 77038 पौधों का वितरण जारी है। वन विभाग अन्य विभागों के सहयोग से चिन्हित स्थलों पर भी सहजन के पौधे रोपित कर रहा है।
संगीता सिंह की यह पहल केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक सतत पोषण आंदोलन बनती जा रही है, जो न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि समाज में पोषण के प्रति जागरूकता और हरित वातावरण को भी बढ़ावा देगी।