हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ गुरुवार 5 जून 2025 लखनऊ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार, 5 जून 2025 को अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पंचूर गांव में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम अजय सिंह बिष्ट था। मात्र 26 वर्ष की आयु में संसद पहुंचने वाले योगी आदित्यनाथ आज भारतीय राजनीति में एक प्रमुख हिंदुत्ववादी नेता और बीजेपी के स्टार प्रचारक के रूप में स्थापित हो चुके हैं।
गणित से राजनीति और अध्यात्म तक का सफर
योगी आदित्यनाथ ने श्रीनगर (गढ़वाल) विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की पढ़ाई की। साल 1993 में एमएससी के दौरान वे गोरखपुर पहुंचे और 15 फरवरी 1994 को गोरखनाथ मंदिर में प्रवास के दौरान महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली। इसके साथ ही उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर योगी आदित्यनाथ हो गया।
1998 में जब महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें उत्तराधिकारी घोषित कर गोरखपुर से लोकसभा चुनाव में उतारा, तो महज 26 साल की उम्र में उन्होंने जीत दर्ज कर संसद में दस्तक दी। इसके बाद वे लगातार 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद चुने गए।
हिंदुत्व का चेहरा और उग्र तेवर
धर्मांतरण, घर वापसी और सांप्रदायिक भाषणों को लेकर वे हमेशा सुर्खियों में रहे। 1999 के पचरुखिया कांड और गोरखपुर दंगों में भी उनका नाम चर्चा में आया। हालांकि, इन सबके बावजूद योगी अपने विचारों से कभी पीछे नहीं हटे। उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी जैसे संगठनों को मजबूत कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रभावशाली आधार तैयार किया।
राजनीतिक बगावत से स्टार प्रचारक तक
2007 और 2009 में बीजेपी नेतृत्व से मतभेदों के बावजूद वे लगातार प्रभावी बने रहे। उन्होंने पूर्वांचल में बीजेपी को मजबूत किया, और 2014 के लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक की भूमिका निभाई। 2017 में पहली बार और 2022 में दूसरी बार पूर्ण बहुमत से यूपी के मुख्यमंत्री बने। इस तरह वे यूपी के पहले मुख्यमंत्री बने जो लगातार दो बार पूरे कार्यकाल के बाद सीएम पद पर आसीन हैं।
सख्त प्रशासक और आध्यात्मिक चेहरा
सुबह 3 बजे से शुरू होने वाली दिनचर्या, पूजा-पाठ, गोसेवा, जनता दरबार और प्रशासनिक कामकाज से लेकर गोरक्षपीठ के धार्मिक और शैक्षणिक संस्थानों का संचालन उनकी जिम्मेदारियों में शामिल है। साथ ही वे योग, अध्यात्म और हिंदू दर्शन पर किताबें भी लिखते हैं।
राजनीति में ‘गेम चेंजर’ की भूमिका
2019 और 2024 के आम चुनावों में उन्होंने पूर्वांचल समेत कई राज्यों में प्रचार की कमान संभाली। खासकर गोरखपुर-बस्ती मंडल की सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित कर उन्होंने बीजेपी के लिए गेम चेंजर की भूमिका निभाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर की सभी नौ सीटों पर बीजेपी की जीत ने उनके जनाधार को और पुख्ता किया।

















