हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 2023 में आयोजित हुई पुलिस भर्ती प्रक्रिया में चयनित 900 अभ्यर्थियों ने नियुक्ति आदेश जारी होने के बावजूद भी ज्वॉइन नहीं किया। इस घटना ने पुलिस महकमे के अधिकारियों को हैरत में डाल दिया है, क्योंकि ऐसे समय में जब सरकारी नौकरियों के लिए भारी प्रतिस्पर्धा रहती है, इतने बड़े पैमाने पर अभ्यर्थियों द्वारा ज्वॉइनिंग न लेना कई सवाल खड़े करता है।
दरअसल, वर्ष 2023 में पुलिस विभाग ने कुल 7500 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि ओबीसी आरक्षण का मामला अदालत में होने के कारण 13 प्रतिशत पद रोक दिए गए और शेष 6400 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किए गए। लेकिन इनमें से 900 अभ्यर्थियों ने ज्वॉइन नहीं किया। अधिकारियों का मानना है कि संभवतः कुछ उम्मीदवारों को दूसरी बेहतर नौकरी मिल गई होगी, जिसके चलते उन्होंने ज्वॉइनिंग नहीं ली।
हालांकि मामला केवल इतनी ही सरलता से समझ नहीं आ रहा। विभाग की जांच में पता चला है कि ज्वॉइन न करने वालों में लगभग 50 ऐसे अभ्यर्थी भी शामिल हैं, जिन पर परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़े का आरोप है। बताया गया है कि कुछ उम्मीदवारों ने अपनी जगह दूसरे लोगों को परीक्षा में बैठाकर चयन हासिल किया था। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान यह घोटाला पकड़ा गया और पुलिस ने अब तक इन 50 फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है।
900 अभ्यर्थियों के ज्वॉइन न करने के पीछे क्या कारण रहे—बेहतर अवसर, व्यक्तिगत कारण या फर्जीवाड़े का दायरा व्यापक है—यह पुलिस विभाग पता लगाने में जुटा है। बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के ज्वॉइन न करने से न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं, बल्कि इससे भविष्य में होने वाली चयन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता भी प्रभावित हो सकती है। विभाग अब विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार कर रहा है ताकि आगामी भर्ती में इस तरह की अनियमितताओं को रोका जा सके।













