हिन्दुस्तान मिरर न्यूज़ ✑ मंगलवार 3 जून 2025 अलीगढ़
अलीगढ़, 03 जून 2025: विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के तहत जिले के चिन्हित ग्रामों में किसानों और वैज्ञानिकों के बीच विचार-विमर्श के कार्यक्रम जारी हैं। मुगलवार को विकास खण्ड धनीपुर के 09 ग्रामों — कलाई, समस्तपुर, मीरपुर, शेखा, एदलपुर, भवनखेड़ा, शेखूपुर, खरई एवं खिटकारी — में इस अभियान के अंतर्गत सफल कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों, के0वी0के0 के विशेषज्ञों तथा कृषि, उद्यान, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने किसानों को जलवायु परिवर्तन प्रबंधन, मिट्टी संरक्षण, प्राकृतिक खेती के तरीकों और उत्पादन बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी। किसानों को आय दोगुनी करने के सूत्रों जैसे लागत कम करना, उत्पादन में वृद्धि, मूल्य संवर्धन और लाभकारी विपणन के विषयों पर विस्तार से समझाया गया।
उद्यान विभाग ने यंत्रीकरण, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, संरक्षित खेती, उच्च मूल्य वाली शाकभाजी उत्पादन तकनीक, मृदा परीक्षण और उर्वरक संतुलन के साथ-साथ फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जैसे लाभकारी विषयों पर भी चर्चा की।

उप कृषि निदेशक यशराज सिंह ने किसानों को बताया कि धान की नर्सरी जून के प्रथम पखवाड़े तक और सुगंधित प्रजातियों की नर्सरी जून के तीसरे सप्ताह तक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मक्का और ज्वार की बुवाई जून के अंतिम सप्ताह तक पूरी करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने किसानों से फार्मर रजिस्ट्री कराने और विभागीय योजनाओं की जानकारी लेने का आग्रह किया।
04 जून को विकास खण्ड धनीपुर के अन्य ग्रामों गड़राना, कमालपुर, सिहौर, चांदगढ़ी, उकावली, ताजपुर, रहसूपुर, दाउदपुर एवं भटौला में भी इसी अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। किसानों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में पहुंचकर वैज्ञानिकों की सलाह और जानकारी का लाभ उठाएं।
कार्यक्रम में संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. हरेन्द्र मिश्र, जिला प्रबंधक अशोक कुमार सोनी, जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र चौधरी, भूमि संरक्षण अधिकारी डॉ. दिव्या मौर्या, आईएआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मुर्तजा हसन, डॉ. ओमप्रकाश, डॉ. एम. ग्रोवर, डॉ. मोनिका जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव एवं क्षेत्रीय कर्मचारी मौजूद थे।
धनीपुर ब्लाक प्रमुख पूजा दिवाकर ने किसानों से अपील की कि वैज्ञानिकों एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई तकनीकी जानकारियों को अपनाएं और फार्मर रजिस्ट्री कराना न भूलें ताकि सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। संबंधित ग्राम प्रधान और कृषक बंधुओं ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई और किसानों से फीडबैक प्राप्त किया गया।