हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: रविवार 29 जून 2025
बिसौली, बदायूं: जनपद के उघैती थाना क्षेत्र अंतर्गत सिद्धपुर कैथोली गांव में भाजपा के बूथ अध्यक्ष चेतेंद्र पर जानलेवा हमला हुआ है। आरोप है कि 21 जून को भाजपा की बैठक के बाद पार्टी विरोधी रुझान रखने वाले गांव के तीन दबंगों ने चेतेंद्र को बाल कटवाते समय दुकान से घसीटकर निकाला और सड़क पर बुरी तरह पीटा। हमलावरों ने उसका गला दबाकर हत्या की कोशिश भी की। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं।
बैठक के बाद दबंगों ने दी थी धमकी
घटना की शुरुआत भाजपा की 21 जून को हुई एक बैठक से मानी जा रही है, जिसमें बूथ अध्यक्ष चेतेंद्र ने पार्टी की नीतियों को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया था। इससे नाराज़ होकर गांव के ही भूरे, ब्रजपाल और सुनील ने चेतेंद्र को निशाना बनाया।
दुकान से घसीटकर ले गए, गला दबाया
घटना के समय चेतेंद्र गदगांव गांव की एक दुकान पर बाल कटवा रहे थे। तभी तीनों आरोपी वहां पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर उन्होंने चेतेंद्र को बाल काटने की दुकान से घसीटकर बाहर निकाला और सड़क पर पटककर पीटना शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्होंने चेतेंद्र को काफी दूर तक घसीटा और गला दबाने की कोशिश की।
वीडियो वायरल, बुजुर्ग ने बचाने की कोशिश की
घटना के दौरान कई लोग मौके पर मौजूद थे। एक बुजुर्ग व्यक्ति ने आरोपियों में से एक के हाथ से डंडा छीना और चेतेंद्र को बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपी नहीं माने। इस बीच किसी ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि चेतेंद्र को बेरहमी से मारा जा रहा है और गला दबाया जा रहा है।
पुलिस ने शांतिभंग में निपटाया मामला
घायल चेतेंद्र ने घटना के बाद परिजनों को जानकारी दी और उघैती थाने में आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी। हालांकि, पुलिस ने गंभीर धाराओं में कार्रवाई करने के बजाय केवल शांतिभंग में चालान कर दिया। इससे भाजपा कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों में नाराजगी है।
सीएम पोर्टल पर शिकायत, भाजपा पदाधिकारियों को दी जानकारी
पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट चेतेंद्र ने अब मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है और भाजपा के जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारियों को भी घटना से अवगत करा दिया है। स्थानीय स्तर पर भी इस घटना को लेकर आक्रोश व्याप्त है।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
घटना का वीडियो सार्वजनिक होने के बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई न होना, यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर क्यों राजनीतिक कार्यकर्ता की जानलेवा पिटाई को हल्के में लिया जा रहा है।