मथुरा:हिन्दुस्तान मिरर न्यूज
मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में उस समय तनावपूर्ण स्थिति बन गई, जब उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा मंदिर दर्शन के लिए पहुँचे। मंत्री जैसे ही गर्भगृह के सामने पहुँचे, वहां सेवायतों (मंदिर पुजारियों) ने पर्दा डाल दिया और मंत्री को न प्रसाद दिया गया, न ही पटका पहनाया गया, जो आमतौर पर विशिष्ट अतिथियों को दिया जाता है।

सेवायतों और महिलाओं का विरोध:
इस विरोध की मुख्य वजह बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना बताई जा रही है, जिसका मंदिर के सेवायत और स्थानीय लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं। इस परियोजना को लेकर कई लोगों में आशंका है कि इससे मंदिर की परंपरा, ढांचा और स्थानीय संस्कृति पर असर पड़ेगा।

मंत्री के मंदिर पहुंचने पर सेवायतों और गोस्वामियों ने स्पष्ट विरोध दर्ज किया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी मौके पर मौजूद रहकर नारेबाज़ी की और सरकार के खिलाफ गुस्सा जताया।
प्रशासन ने निकाला पीछे के रास्ते से:
स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन हरकत में आया और सुरक्षा कारणों से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को मंदिर के पिछले गेट से बाहर निकाला गया।
स विरोध-प्रदर्शन में करीब 15–20 महिलाएं शामिल थीं, जिन्होंने काली पट्टियां बांध रखी थीं और ‘वापस जाओ’ जैसे नारे लगाए । बाद में मंत्री ने VIP रोड पर चार प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि कॉरिडोर परियोजना स्थानीय लोगों की सहमति से ही आगे बढ़ेगी, ताकि उनकी परंपराओं और आजीविका को कोई चोट न पहुंचे

पृष्ठभूमि:
बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सरकार का कहना है कि यह परियोजना श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए है, लेकिन मंदिर ट्रस्ट, सेवायत और स्थानीय नागरिक इसे परंपरा के खिलाफ और अतिक्रमणकारी मानते हैं।

यह घटना राज्य सरकार और स्थानीय धार्मिक संस्थाओं के बीच बढ़ते टकराव की गंभीर तस्वीर पेश करती है।