जेएन मेडिकल कॉलेज में सहायता केंद्रों का उद्घाटन और वृक्षारोपण अभियान
कुलपति प्रो. नइमा खातून ने सेवाओं के विस्तार को बताया मरीजों के लिए फायदेमंद
अलीगढ़, 19 जुलाई — अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून ने शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग ओपीडी ब्लॉक और ट्रॉमा सेंटर में नए सहायता केंद्रों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही ट्रॉमा सेंटर परिसर में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया और वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मरीजों की सुविधा हेतु नया तंत्र
नए सहायता केंद्रों का उद्देश्य मरीजों और उनके परिजनों को बेहतर चिकित्सा मार्गदर्शन और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। प्रसूति और स्त्री रोग विभाग में अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के लिए कतार में प्रतीक्षा नहीं करनी होगी, क्योंकि उनके नंबर डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित किए जाएंगे। वहीं, ओपीडी में स्ट्रेचर और टॉली पर आने वाले मरीजों की सहायता विशेष स्टाफ करेगा। ट्रॉमा सेंटर का हेल्प डेस्क आपात स्थिति में चिकित्सा मार्गदर्शन देगा।
विकास योजनाओं पर चर्चा
बैठक में कुलपति ने कहा कि इन सहायता केंद्रों से रोगी देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने सीमित संसाधनों में भी उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले चिकित्सकों की सराहना की और बताया कि पदोन्नति और अन्य प्रशासनिक समस्याओं के समाधान पर विश्वविद्यालय गंभीरता से कार्य कर रहा है।
मेडिकल कॉलेज के विस्तार की योजना
डीन और प्रिंसिपल प्रोफेसर एम. हबीब रजा ने बताया कि जेएन मेडिकल कॉलेज को देश के शीर्ष पांच चिकित्सा संस्थानों में लाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष अस्पताल में एक मिलियन से अधिक मरीजों का इलाज किया जाता है, और 55,000 से ज्यादा भर्ती व 35,000 से अधिक सर्जरी की जाती हैं। उन्होंने एंडोक्रिनोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी में डीएम और एमसीएच पाठ्यक्रम शुरू करने और नए विभागों की स्थापना की भी घोषणा की।
समारोह का आयोजन और भागीदारी
कार्यक्रम की शुरुआत विभाग की कार्यवाहक अध्यक्ष प्रो. शाहीन के स्वागत भाषण से हुई, जबकि मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रो. एस. अमजद अली रिजवी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। संचालन डॉ. शाहबाज हबीब फारदी ने किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्षों, चिकित्सकों, एडीएमएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति रही।
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