हिन्दुस्तान मिरर न्यूज: 1 अगस्त 2025
अलीगढ़, 1 अगस्त:
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के रसायन विभाग के वैज्ञानिकों ने कैंसर के इलाज के लिए एक नई और अत्यंत प्रभावशाली दवा की फॉर्मूलेशन विकसित की है, जिसे लेकर उन्हें भारत सरकार की ओर से पेटेंट प्रदान किया गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि कैंसर चिकित्सा क्षेत्र में एक नई आशा के रूप में देखी जा रही है।
यह पेटेंट एएमयू के प्रमुख वैज्ञानिक प्रो. फर्रुख अर्जमंद, डॉ. ज़ीनत अफ़्शां और प्रो. सरताज तबस्सुम की शोध टीम को मिला है। इस दवा की खास बात यह है कि यह न केवल कम लागत वाली है, बल्कि इसके साइड इफेक्ट्स भी बेहद सीमित हैं। इससे यह उम्मीद जगी है कि अधिक से अधिक मरीजों को यह दवा सुलभ हो सकेगी और कैंसर के खिलाफ लड़ाई को एक नया बल मिलेगा।
दवा की खासियत — कम खर्च, ज्यादा असर
शोधकर्ताओं का दावा है कि यह नई फॉर्मूलेशन पारंपरिक कैंसर दवाओं की तुलना में अधिक प्रभावी है और रोगियों के शरीर पर कम प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह विशेषता इसे विशेष रूप से कम संसाधन वाले क्षेत्रों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाती है।

प्रमुख शोधकर्ता प्रो. फर्रुख अर्जमंद की पहचान
मुख्य शोधकर्ता प्रो. फर्रुख अर्जमंद औषधीय और जैव अकार्बनिक रसायन विज्ञान की क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं। उन्हें अब तक सीआरएसआई कांस्य पदक, महिला वैज्ञानिक पुरस्कार और एएमयू का सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार जैसे अनेक सम्मान मिल चुके हैं।
उनके 196 से अधिक शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें 7000 से अधिक बार उद्धृत किया गया है। उनके वैज्ञानिक योगदान को दर्शाने वाला एच-इंडेक्स 42 है, जो उनके उत्कृष्ट शोध कार्य का प्रमाण है।
सह-शोधकर्ताओं का अहम योगदान
प्रो. सरताज तबस्सुम और डॉ. ज़ीनत अफ़्शां समन्वय यौगिकों (Coordination Compounds) और औषधि विकास के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। उनके तकनीकी और वैज्ञानिक योगदान ने इस फॉर्मूलेशन को व्यावहारिक रूप देने में निर्णायक भूमिका निभाई।
विश्वस्तरीय शोध
इस उपलब्धि के साथ एएमयू ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भारतीय शैक्षिक संस्थान विश्वस्तरीय अनुसंधान करने में सक्षम हैं। यह खोज न केवल चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित हो सकती है, बल्कि भारत को कैंसर के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक अग्रणी भूमिका में भी लाने का कार्य करेगी।