हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय दल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह चुनाव 9 सितंबर को होना है।
राज्यपाल के रूप में भूमिका
सीपी राधाकृष्णन जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले उन्होंने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दीं। मार्च से जुलाई 2024 के बीच उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर बहुत ही कम उम्र में शुरू हुआ। केवल 16 साल की उम्र में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जनसंघ से जुड़ गए थे। इसके बाद वे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता बने और संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।
वे तमिलनाडु के कोयंबटूर से 1998 और 1999 में लगातार दो बार लोकसभा सदस्य चुने गए। इसके अलावा, उन्होंने 2004 से 2007 तक भाजपा तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी पार्टी का नेतृत्व किया।
रथ यात्रा और संगठनात्मक कार्य
प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में 93 दिवसीय रथ यात्रा का आयोजन किया था। इस यात्रा का उद्देश्य नदी जोड़ो परियोजना को बढ़ावा देना, आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाना और समाज में समानता का संदेश देना था। इस रथ यात्रा ने उन्हें दक्षिण भारत की राजनीति में विशेष पहचान दिलाई और उनकी लोकप्रियता को और मजबूत किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व
सीपी राधाकृष्णन ने भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी किया है। 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 58वें सत्र में संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने। इस दौरान उन्होंने मानवीय सहायता और आपदा राहत के समन्वय पर जोर दिया। इसके अलावा, 2014 में वे ताइवान जाने वाले भारत के पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल रहे।
प्रशासनिक और संगठनात्मक भूमिकाएँ
राजनीति के अलावा राधाकृष्णन ने प्रशासनिक पदों पर भी काम किया है। 2016 से 2020 तक वे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और वित्त से संबंधित विभिन्न संसदीय समितियों में भी सक्रिय भूमिका निभाई। 2020 से 2022 तक वे भाजपा केरल प्रभारी रहे।
“तमिलनाडु के मोदी”
सीपी राधाकृष्णन को दक्षिण भारत के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली भाजपा नेताओं में से एक माना जाता है। संगठन निर्माण, चुनावी राजनीति और शासन में उनके अनुभव ने उन्हें “तमिलनाडु के मोदी” की उपाधि दिलाई है।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें एक सशक्त उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाता है। आरएसएस से जुड़ाव से लेकर लोकसभा सदस्य, प्रदेश अध्यक्ष, राज्यपाल और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधित्व तक उनकी यात्रा उन्हें भारतीय राजनीति में एक अनुभवी और प्रभावशाली चेहरा बनाती है। अब सबकी निगाहें 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव पर टिकी हैं, जिसमें वे एनडीए की ओर से प्रमुख दावेदार होंगे।