हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
भारत और फिजी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका के बीच अहम बैठक हुई। इस मुलाकात में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और दोनों देशों ने स्वास्थ्य, समुद्री सहयोग तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के क्षेत्रों में मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
बैठक से पहले फिजी के प्रधानमंत्री राबुका ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्हें महात्मा गांधी की प्रतिमा और किताबें भी भेंट की गईं। इसके बाद हैदराबाद हाउस में दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत हुई। पीएम मोदी ने कहा कि यह संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं बल्कि आत्मीयता और ऐतिहासिक बंधन पर आधारित हैं।
100 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि फिजी की राजधानी सुवा में 100 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाएगा। इसके साथ ही भारत फिजी को डायलिसिस यूनिट और समुद्री एम्बुलेंस भी प्रदान करेगा। पीएम मोदी ने बताया कि फिजी में जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे, ताकि वहां की जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां आसानी से मिल सकें। साथ ही, सुवा में जयपुर फुट कैंप का आयोजन कर जरूरतमंदों को कृत्रिम अंग उपलब्ध कराए जाएंगे।
गिरमिटिया भारतीयों का योगदान
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि 19वीं सदी में भारत से 60,000 से अधिक गिरमिटिया भाई-बहन फिजी गए थे। उन्होंने कठिन परिश्रम से वहां की समृद्धि और विकास में बड़ा योगदान दिया। पीएम ने कहा कि उनकी मेहनत और संघर्ष का ही परिणाम है कि आज फिजी भारत के बेहद करीबी साझेदार देशों में शामिल है।
भारत-प्रशांत क्षेत्र पर साझा दृष्टिकोण
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत और फिजी दोनों ही स्वतंत्र, समावेशी, खुले, सुरक्षित और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र के समर्थक हैं। उन्होंने फिजी प्रधानमंत्री राबुका की ‘शांति के महासागर’ की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि भारत और फिजी भले ही महासागर के पार स्थित हों, लेकिन दोनों देशों की आकांक्षाएं और लक्ष्य समान हैं।
‘किसी देश को पीछे नहीं छोड़ा जाएगा’
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत का मानना है कि किसी भी आवाज को अनसुना नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी देश को पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और फिजी आने वाले समय में न केवल स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्रों में बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी मजबूत साझेदारी निभाएंगे।
यह बैठक भारत-फिजी संबंधों को एक नई दिशा देने वाली साबित हुई है, जिसमें ऐतिहासिक रिश्तों को मजबूती देते हुए विकास और सहयोग के नए आयाम खोले गए हैं।