हिन्दुस्तान मिरर न्यूज:
अलीगढ़ में गणेश चतुर्थी के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल की गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में अखिलेश्वर मंदिर प्रांगण में महिलाओं को स्वदेशी ईको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं वितरित की गईं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृति और नदियों को प्रदूषण से बचाना है।
ईको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं से घर में आएगी सकारात्मक ऊर्जा
अलीगढ़।
गणेश चतुर्थी से पहले अखलेश्वर महादेव मंदिर, रघुवीर पुरी में रविवार को निःशुल्क ईको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमा वितरण समारोह आयोजित किया गया। भक्तों की भीड़ उमड़ी और सभी ने मिट्टी की प्रतिमाएं लेकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।
पीओपी मूर्तियां करती हैं बड़ा नुकसान
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक गोविंद जी ने कहा कि श्री गणेश की मिट्टी की प्रतिमाओं की स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। उन्होंने चेताया कि पीओपी मूर्तियां न केवल नदियों को प्रदूषित करती हैं, बल्कि जलीय जीव-जंतुओं की मृत्यु का कारण भी बनती हैं। गोविंद जी ने लोगों से अपील की कि गणेशोत्सव में स्वदेशी और प्राकृतिक सामग्री की प्रतिमाओं का ही प्रयोग करें।

मिट्टी की प्रतिमाएं – सनातन परंपरा
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सतीश गौड़ ने कहा कि मिट्टी की प्रतिमाओं का विसर्जन सनातन धर्म की अक्षुण्ण परंपरा है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक प्रतिमाएं जल को पवित्र बनाए रखती हैं और नदियों को जीवंत करती हैं।

छात्रों में चला जागरूकता अभियान
बाबा बर्फानी भक्त मंडल के संरक्षक व संयोजक सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों में विशेष जागरूकता अभियान चलाकर उन्हें पीओपी प्रतिमाओं से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों को समझाया गया कि कैसे प्लास्टर ऑफ पेरिस नदियों को प्रदूषित कर जलीय जीवन को प्रभावित करता है। साथ ही यह भी बताया गया कि ईको-फ्रेंडली प्रतिमाएं न केवल पर्यावरण के लिए हितकारी हैं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी अधिक पवित्र मानी जाती हैं।
सम्मान और आभार
समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य व्यक्तियों के माल्यार्पण से हुआ। अंत में सचिव मनोज अग्रवाल ने सभी भक्तजनों का आभार जताया।
इस अवसर पर कोषाध्यक्ष ब्रजमोहन वार्ष्णेय, प्रवीन अग्रवाल, सतेन्द्र प्रकाश गुप्ता, ज्ञानेंद्र गुप्ता, हरजीत काका, मधुकर वार्ष्णेय, मंदिर के मुख्य पुजारी चंद्रभूषण मिश्र, जानकीशरण द्विवेदी, मौनू पंडित सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।
आयोजन का संदेश
पूरे कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि भक्ति के साथ पर्यावरण की रक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। ईको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का प्रसार न केवल धार्मिक आस्था को गहराई देता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित करता है।