अलीगढ़, 6 सितम्बरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के ’आई बैंक, नेत्र विज्ञान संस्थान द्वारा एएमयू कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून के नेतृत्व में ’’40वाँ राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा’’ मनाने के उपलक्ष्य में एक नेत्रदान जागरूकता वॉक का आयोजन किया गया।
वॉक की शुरुआत जे.एन. मेडिकल कॉलेज से हुई, जिसे प्रो. हबीब रजा, प्राचार्य जेएन मेडीकल कालिज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर लगभग 500 डॉक्टर, प्रोफेसर, नर्सिंग स्टाफ, सामाजिक संगठन और मेडिकल विद्यार्थी उत्साहपूर्वक शामिल हुए। प्रतिभागियों ने ‘नेत्रदान – महादान’ का संदेश देते हुए स्लोगन, पोस्टर, झंडे और बैनर थामे हुए थे।
इस डॉ. एम. साकिब (सह प्रभारी, आई बैंक) ने कॉर्नियल अंधत्व की गंभीरता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत में दस लाख से अधिक लोग कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित हैं। प्रति वर्ष एक लाख कॉर्निया की आवश्यकता होती है, जबकि केवल लगभग 25,000 ही उपलब्ध हो पाते हैं। कोई भी व्यक्ति मृत्यु के छह घंटे के भीतर नेत्रदान कर सकता है। यह प्रक्रिया केवल 15 मिनट लेती है और इससे दाता के चेहरे की बनावट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
डॉ. जिया सिद्दीकी ने बताया कि जेएन मेडीकल कालिज का आई बैंक अलीगढ़ मंडल का एकमात्र आई बैंक है और इसे मजबूत बनाना समाज की साझा जिम्मेदारी है। प्रो. ए.के. अमितावा ने कुलपति का स्वागत किया और सभी प्रतिभागियों से नेत्रदान का संकल्प लेने की अपील की।
एएमयू कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून ने नेत्र विज्ञान संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए समुदाय से इस महान अभियान से जुड़ने एवं नेत्रदान का संकल्प लेने का आग्रह किया। सहकुलपति प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने आई बैंक की इस पहल का स्वागत किया और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में कई संगठनों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें डॉ. एसके गौड़ (देहदान संस्था), अल-बरकात स्कूल के छात्र, राष्ट्रीय खिलाड़ी अभिनव, राहत (इंसानियत फाउंडेशन), हुमा (सहायक नर्सिंग अधीक्षक) एवं उनकी नर्सिंग टीम शामिल थीं।
सांस्कृतिक प्रस्तुति के रूप मेंएमबीबीएस छात्र आर्यन और पलक ने नेत्रदान जागरूकता पर एक प्रभावशाली ’नुक्कड़ नाटक’ प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों से भरपूर सराहना मिली।
इस अवसर पर एएमयू के प्रमुख शिक्षक एवं सदस्य भी वॉक में शामिल हुए, जिनमें प्रो. अदीब आलम खान, प्रो. रिजवान ए. खान, प्रो. वारिस, प्रो. शमीम अहमद, प्रो. हिना, डॉ. नाहिद, डॉ. शाजिया, डॉ. अब्दुल्ला, डॉ. फराज, प्रो. रिजवान खान, प्रो. निशात, डॉ. जमील, डॉ. अहमद मुजतबा, डॉ. स्वालेहा और डॉ. फजीला शाह, एडवोकेट नदीम अंजुम भी उपस्थित रहे।