लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को सख्ती से लागू करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब नशे की हालत में वाहन चलाते पकड़े जाने पर वाहन सीज कर दिया जाएगा और चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। यही नहीं, वाहन सीज होते ही चालक का ड्राइविंग लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।
दोबारा गलती पर लाइसेंस निरस्त
परिवहन विभाग ने साफ किया है कि यदि तीन महीने के भीतर वाहन दोबारा सीज होता है, तो चालक का ड्राइविंग लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। यह प्रावधान मोटर व्हीकल एक्ट में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में परिवहन विभाग के समारोह में ओवर स्पीडिंग और नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की घोषणा की थी।
ओवर स्पीडिंग पर भी नजर
तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम कसने के लिए विभाग के पास मौजूद 142 इंटरसेप्टर वाहनों को तैनात किया जाएगा। ये इंटरसेप्टर राष्ट्रीय और प्रदेश राजमार्गों पर गश्त कर ओवर स्पीडिंग और नशे में ड्राइविंग पर कार्रवाई करेंगे।
कैमरे में होगी रिकॉर्ड कार्रवाई
अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन संजय सिंह ने बताया कि इंटरसेप्टर से होने वाली हर कार्रवाई कैमरे में रिकॉर्ड होगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी तरह का पक्षपात का आरोप नहीं लगेगा। वहीं परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह का कहना है कि सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सख्ती जरूरी है।
350 संवेदनशील मार्ग चिन्हित
विभाग ने 75 जिलों के 350 संवेदनशील मार्गों को चेकिंग के लिए चुना है। आरटीओ दिनेश कुमार के मुताबिक, एक्सप्रेस वे पर हादसे कम होते हैं जबकि राष्ट्रीय व प्रदेश राजमार्गों पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। इसीलिए यहां चेकिंग अभियान तेज किया जाएगा।













